BHOPAL. BHOPAL.मध्य प्रदेश में साइबर ठगी ( cyber fraud ) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कभी फोन कर किसी परिचित के जेल में होने की बात कहकर पैसे मांगे जाते हैं तो कभी किसी और बहाने से पैसे ऐंठने की कोशिश की जाती है। जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश के विभिन्न जिलों से राज्य साइबर कार्यालय भोपाल में शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। लगभग सभी शिकायतों में बताया गया कि उनके बच्चे बाहर रहकर नौकरी करते हैं अथवा पढ़ाई करते हैं। अज्ञात मोबाइल नंबरों से उन्हें कॉल कर धमकाया गया कि उनका बच्चा रेप, चोरी और मर्डर जैसे कैस में पकड़ा गया है। उसे बचाना चाहते हैं तो कुछ रकम का इंतेजाम कर लें। अब ऐसे मामलों को संज्ञान में लेते हुए राज्य साइबर पुलिस ( State Cyber Police ) ने एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी को समझकर आम लोग साइबर जालसाजी का शिकार होने से बच सकते हैं।
ठगी से बचने के लिए बरतें ये सावधानी
1. अनजान नंबर खासकर जो +92 से शुरु होते हैं , से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल/वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं।
2. भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई नियम नहीं है। अतः किसी के कहने पर या डर से खुद को कहीं बंद न करें।
3. अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार, पेन कार्ड आदि की जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें ।
4. कोई भी संस्था आपसे आपका निजी पैसा किसी भी शासकीय खाते में जमा करने या सुरक्षित करने की सलाह नहीं देता। अतः कभी भी अपना पैसा किसी अनजान खाते में ट्रांसफर न करें।
5. यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है, तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या Cyber Crime Help Line ( Toll Free ) नंबर 1930 पर दर्ज करवा सकते हैं ।
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ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम
एडवाइजरी में साइबर सेल ने बताया कि अपराधी कॉल या व्हाट्सएप कॉल के जरिए करते हैं संपर्क। जिसमें अधिकांश कॉल +92(पाकिस्तानी) नंबर या किसी अन्य देश के नंबर (+91 के अलावा ) से आते हैं। कॉलर आपको कॉल करके डराएगा और कहेगा कि आपके PAN / AADHAR कार्ड का उपयोग करके पार्सल भेजा गया है, जिसमें ( नार्कोटिक्स ) नशीली सामग्री पाई गई हैं। ऐसे मामलों में अपराधी कभी आपको कोर्ट फीस या जमानत देने के नाम से मांग करते हैं। ऐसे मामलों में पहले कॉल करने वालों पर कभी यकीन ना करें। सीधे पुलिस से संपर्क करें ।
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ऐसे भी हो सकती है साइबर ठगी, रहें अलर्ट
पहले अपराधी वीडियो कॉल के जरिए आपको पुलिस अधिकारी से बात करने को कहता हैं और फिर कॉल पर रहते हुए फर्जी नोटिस दिखाते हैं। जिसमें आपको डिजिटल अरेस्ट करते हुए घर में ही रहने को कहा जाता है, और कहते हैं कि स्वयं को किसी कमरे में बंद करलें जिसमें किसी को भी अंदर न आने दिया जाए। इस दौरान कैमरे के सामने आपसे कुछ सवाल पूछे जाएंगे । कमरे में कोई आया तो आप दोंनो को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। धीरे-धीरे आपको और ज्यादा डराया जाता है और आपके निजी बैंक खाते तथा अन्य इंनवेस्टमेंट की जानकारी ले ली जाती हैं। अंत में यह कहकर की शायद आपको गलत फंसा लिया गया है। आप जांच पूरी होने तक अपना पैसा आरबीआई/भारत सरकार के खाते में जमा करवा दें । जे जांच पूरी होने के बाद आपको लौटा दिया जाएगा। इस पूरी जानकारी के दौरान आपको न ही किसी से संपर्क करने का मौका दिया जाता है, न ही बाहर जाने दिया जाता है। इस प्रकार आपसे मोटी रकम ले ली जाती हैं।