इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाले एक वकील को 10 साल की कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद इंसाफ मिला है। न्यायालय ने 10 साल पुराने मामले में 11 वकीलों पर मानहानि का प्रकरण दर्ज किया है। इन वकीलों पर वकील भोलानाथ तिवारी की बार सदस्यता नियम विरुद्ध जाकर निरस्त करने का आरोप था।
शिकायत की तो बार सदस्यता छीनी
वकील भोलानाथ तिवारी के अनुसार साल 2013 में गुना जिला न्यायालय के परिसर में सूटर शेड का निर्माण शुरू हुआ था। सूटर शेड का निर्माण पूरा होने से पहले ही परमानेंट चेंबर के लिए पैसे की वसूली की गई थी। 50 से ज्यादा वकीलों से 12-12 हजार रुपए वसूले गए थे। भोलानाथ तिवारी ने 75 वकीलों के साथ मिलकर चैंबर के नाम पर वसूली की जबलपुर हाईकोर्ट में शिकायत कर दी।
इस शिकायत का बदला लेने उस समय बार एसोसिएशन की अध्यक्ष चंचल जैन और सचिव शैलेंद्र रघुवंशी ने भोलानाथ तिवारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की। 2014 में भोलानाथ तिवारी की बार सदस्यता निरस्त कर दी गई। साथ ही इसकी सूचना सभी अखबारों और सभी न्यायालयों में दी गई।
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2019 में वापस मिली बार सदस्यता
बार सदस्यता निरस्त होने की शिकायत भोलानाथ तिवारी ने स्टेट बार एसोसिएशन में की। 2019 में उनकी बार सदस्यता बहाल हुई। इसके बाद जिला न्यायालय में उनका प्रकरण सुना गया। मामले में अब गुना जिला कोर्ट ने 11 लोगों पर मानहानि का मुकदमा चलाने का फैसला सुनाया है। तत्कालीन बार अध्यक्ष चंचल जैन की अब मृत्यु हो गई है। ऐसे में 11 वकीलों को 19 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश होना होगा।
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इन पर दर्ज हुआ मामला
गंगा प्रसाद शर्मा आयु 70 वर्ष, शैलेंद्र सिंह रघुवंशी आयु 50 वर्ष, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव आयु 42 वर्ष, अनिल कुमार शुक्ला आयु 52 वर्ष, मुकेश कुमार अवस्थी आयु 50 वर्ष, सुभाष कुशवाह आयु 65 वर्ष, अजय कुमार जैन आयु 70 वर्ष, प्रशांत सिसोदिया आयु 60 वर्ष, वीरेंद्र सिसोदिया आयु 45 वर्ष, अतुल वाजपेयी आयु 45 वर्ष और मजहर आलम निवासी आयु 45 वर्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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