INDORE. EOW इंदौर द्वारा सात जुलाई को 13 करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी चोरी मामले में वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू, बिल्डर विवेक चुग पिता मोहनलाल चुघ, अजय जैन पिता महेंद्र जैन, उप पंजीयक संजय सिंह पर एफआईआर ( FIR ) दर्ज की थी। अब इस मामले में नायडू की याचिका पर हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किए हैं और नायडू को दो तरफा राहत मिली है।
हाईकोर्ट ने यह दिए अहम आदेश
इस मामले में नायडू ने एफआईआर के खिलाफ और साथ ही ट्रंसफर के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसमें मप्र शासन, ईओडब्ल्यू, ईएजब्ल्यू एसपी को पक्षकार बनाया गया था।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट बेंच ने कहा कि इस मामले में नायडू पर आरोप है कि स्टाम्प ड्यूटी चोरी में तेजी से कार्रवाई नहीं की, लेकिन यह मामला स्टाम्प ड्यूटी कम भरने का है, जिसे स्टाम्प नियमों के तहत वसूला जा सकता है। ऐसे में एफआईआर का मामला नहीं बनता है।
इसी एफआईआर के कारण उनका ट्रांसफर किया गया, इस पर स्टे दिया जाता है। कलेक्टर इंदौर द्वारा अपर कलेक्टर के जरिए इसकी जांच कराई गई थी लेकिन यह उनका क्षेत्राधिकार में नहीं है। हालांकि यह आदेश बेंच ने सुनवाई के दौरान मौखिक तौर पर दिए हैं और लिखित आदेश शाम तक आना संभावित है। लेकिन नायडू को दो तरफा राहत मिल गई है।
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बाकी को राहत मिली या नहीं
इस मामले में ईओडब्ल्यू ने नायडू के साथ ही सब रजिस्ट्रार संजय सिंह, बिल्डर विवेक चुग, अजय जैन व हितेंद्र मेहता पर भी केस किया है। इन सभी को भी राहत मिली है या नहीं यह औपचारिक आदेश पर ही सामने आएगा।
हाईकोर्ट ने यह बात कही है कि यह स्टाम्प ड्यूटी का मामला नियमों के तहत अपील में आ सकता है और वहां नियमानुसार तय होकर वसूली की जा सकती है। ऐसे में अन्य को भी राहत मिलने की संभावना है। हालांकि बाकी किसी ने याचिका नहीं लगाई थी केवल नायडू ही याचिकाकर्ता थे।
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यह केस हुआ था ईओडब्ल्यू में
इंदौर ईओडब्ल्यू में 13,32,95,000/- (13 करोड़ 32 लाख 95 हजार) की स्टाम्प ड्यूटी चोरी में आरोपियों के विरूद्ध दिनांक 05/07/2025 को धारा 318(4), 61(2), 338, 336(3), एवं 340 भारतीय न्याय संहिता 2023 व धारा 7 (सी), भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 का प्रकरण पंजीबद्ध हुआ।
आरोप है कि प्लाट खरीदी करने वालों ने अधिकारीगणों के साथ मिलकर शासन को स्टाम्प ड्यूटी राशि 13 करोड़ 32 लाख 95 हजार रुपए का नुकसान किया। पंजीयक कार्यालय इंदौर से सांठ-गांठ कर डीएलएफ गार्डन सिटी मांगल्या सड़क की गाईड लाईन दर 50800/-रू. की दर से रजिस्ट्री नहीं की जाकर डीएलएफ गार्डनसिटी के स्वीकृत संशोधित नक्शे में काट-छांट की।
डीएलएफ गार्डनसिटी का नाम हटाकर मांगलिया सड़क गांव की गाईड लाईन दर जो बहुत ही कम केवल 14,200/-रू. प्रति वर्ग मीटर की दर थी, उसी से रजिस्ट्री कराई और इस तरह स्टाम्प ड्यूटी में 13.32 करोड़ की चोरी की। शिकायत की जांच डीएसपी ईओडब्ल्यू पवन सिंघल द्वारा की गई और इसे सही पाया गया। इसके बाद इसमें केस दर्ज हुआ।
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कलेक्टर ने कर दिया था रिलीव
ईओडब्ल्यू केस होने के बाद संजय सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था, वहीं मप्र शासन ने 21 जुलाई को नायडू का ट्रांसफर रतलाम कर दिया था। लेकिन अब नायडू को राहत मिल गई है। नायडू के अधिवक्ता ने यह भी तर्क रखे कि यह मामला उनका था ही नहीं, इसमें सीधा उनका कोई लेना-देना नहीं है. उनका काम है रेंडमली निचले स्तर के काम का निरीक्षण करना।
जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तो कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई। लेकिन मुझ पर कार्रवाई नहीं करने के चलते ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज कर लिया और इसी आधार पर शासन ने ट्रांसफर कर दिया।
ट्रांसफर स्टे
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