भोपाल के अटल बिहारी सुशासन संस्थान में नीति विरुद्ध हुई नियुक्ति

अटल बिहारी सुशासन संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बिल भुगतान में गड़बड़ी की शिकायतें तो पहले ही चर्चा में आती रही हैं। अब संस्थान में जीएडी के संविदा नियुक्ति के नियमों को ताक पर रखने के मामले भी उजागर हो रहे हैं।

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Sanjay Sharma
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Atal Bihari Institute Good Governance
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BHOPAL. मध्य प्रदेश जितना अजब है उतनी ही गजब यहां की प्रशासनिक व्यवस्था है। प्रशासनिक अधिकारियों के निर्णय न केवल हैरान कर देने वाले होते हैं बल्कि सरकारी सिस्टम को ही कटघरे में खडे़ करते हैं। इस फेहरिस्त में ऐसा ही एक और मामला जुड़ गया है। मामला प्रदेश के लोकसेवा प्रबंधन विभाग के अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान से संबंधित है। जिसमें तीन साल के सेवा काल के बाद संस्थान को पता चला है कि प्रमुख सलाहकार के पद पर काम करने वाली महिला कर्मचारी की नियुक्ति नियम संगत नहीं थी। महिला कर्मचारी को सेवा से बाहर कर दिया है, लेकिन संस्थान नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करना भूल गया है।  

सुशासन संस्थान का ये कारनामा 

दरअसल, संस्थान में प्रमुख सलाहकार के पद पर कार्यरत डॉ.इंद्राणी बरपुजारी की संविदा नियुक्ति साल 2022 में हुई थी। उनके सेवाकाल का अनुबंध 1 फरवरी 2025 को पूरा हो गया गया है। डॉ.बरपुजारी की संविदा नियुक्ति का अनुबंध एक साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया। इस दौरान उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की शिकायत सामने आ गई। जिसकी जांच के लिए सुशासन संस्थान की गवर्निंग बॉडी द्वारा दो सेवानिवृत्त अधिकारियों की जांच कमेटी का गठन किया गया। संस्थान में नियम विरुद्ध नियुक्ति के आधार पर प्रमुख सलाहकार काम करती रहीं, ये बात एक शिकायत से तीन साल बाद सामने आई। 

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जांच में नियम विरुद्ध नियुक्ति की पुष्टि 

समिति द्वारा साल 2022 में हुई संविदा नियुक्ति के दस्तावेज, जीएडी द्वारा जारी गाइडलाइन का परीक्षण किया। डॉ.इंद्राणी बरपुजारी का पक्ष भी कमेटी ने सुना। जांच उपरांत स्वतंत्र कमेटी द्वारा प्रमुख सलाहकार के पद पर की गई संविदा नियुक्ति को विधिक सिद्धांतों के विरुद्ध और अनुचित होने का उल्लेख अपने अभिमत में किया गया। इसके साथ ही कमेटी द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में तीन साल की संविदा नियुक्ति गाइडलाइन के अनुरूप नहीं होने की वजह से उसे नवीनीकरण योग्य भी नहीं माना गया। सूत्रों के अनुसार फरवरी 2022 में प्रमुख सलाहकार के पद पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के विरुद्ध नियुक्ति की गई थी। शिकायत के बाद यह प्रकरण सुशासन संस्थान की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के सामने भी पहुंचा था।

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आखिर किसकी है जिम्मेदारी 

अटल बिहारी सुशासन संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बिल भुगतान में गड़बड़ी की शिकायतें तो पहले ही चर्चा में आती रही हैं। अब संस्थान में जीएडी के संविदा नियुक्ति के नियमों को ताक पर रखने के मामले भी उजागर हो रहे हैं। संविदा नियुक्ति में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद संस्थान के संचालक राजेश कुमार गुप्ता ने सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया है। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में संविदा नियुक्ति को ही नियम विरुद्ध बताया है लेकिन ऐसा करने वाले अधिकारियों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। प्रमुख सलाहकार के रूप में डॉ.इंद्राणी बरपुजारी की सेवाएं तीन साल तक ली गई। उन्हें वेतन भी दिया गया। क्या अब संस्थान गलत संविदा नियुक्ति करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है।

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