वक्फ जमीनों के सर्वे पर आरिफ मसूद का विरोध, रोकने की मांग

भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने वक्फ जमीनों के सर्वे को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने जेपीसी अध्यक्ष, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सर्वे को रोकने की मांग की है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने वक्फ जमीनों के सर्वे पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर वक्फ जमीनों के सर्वे को रोकने की मांग की है। मसूद ने यह चेतावनी दी है कि सर्वे के वर्तमान तरीके से भविष्य में विवाद पैदा हो सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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सर्वे के नियमों पर आपत्तियां 

विधायक आरिफ मसूद ने सर्वे के दौरान लागू किए जा रहे नियमों पर तीन महत्वपूर्ण आपत्तियां जताई हैं। उनका कहना है कि 1983 से 1989 के बीच प्रकाशित राजस्व गजट के बाद मध्य प्रदेश में मिसल बंदोबस्त हुआ था, जिसके कारण राजस्व एंट्री मिलान में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीनों से संबंधित जिन जानकारी की मांग की जा रही है, उसमें कई खामियां हैं। यह जानकारी या तो मुजावरों (जो दरगाहों पर सेवा कार्य करते हैं) के नाम पर है, या फिर सरकारी नामों पर है, या अन्य व्यक्तियों के नाम पर। इस संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ की जमीनों के खसरे में 'वक्फ बोर्ड अ-हस्तांतरणीय' लिखा होना आवश्यक है, लेकिन इस पर जबलपुर हाईकोर्ट में मामला लंबित है, इसलिए इस मामले में फिलहाल कोई जानकारी देना न्यायसंगत नहीं होगा।

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सर्वे में भौतिक सत्यापन की कमी 

विधायक मसूद ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ भूमि के सर्वे में भौतिक सत्यापन की कमी है। उनके मुताबिक, यह सिर्फ एक औपचारिकता पूरी करने के लिए किया जा रहा है, जबकि वास्तविक स्थिति का सही ढंग से आकलन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जिन वक्फ कृषि भूमि पर दरगाहों और कब्रिस्तानों के लिए कार्य किया जाता है, उन पर अवैध कब्जे करने वाले कौन लोग हैं और किस तरह से मुजाविर द्वारा नोटरी करके जमीनों को अवैध रूप से बेचा जा रहा है।

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कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण विवाद 

विवाद विधायक मसूद ने यह स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड की जमीनों पर हस्तांतरणीयता के मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट में मामला लंबित है। जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आता, तब तक इस विषय पर कोई जानकारी देना उचित नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरा सर्वे एक तरह से केवल खाना पूर्ति के लिए किया जा रहा है, जबकि इसमें वास्तविकता की कोई जांच नहीं हो रही है।

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सरकार से स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग

कांग्रेस विधायक ने इस पूरे मामले में सरकार से स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग की है, ताकि वक्फ की जमीनों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अवैध गतिविधियां न हों। साथ ही, उन्होंने वक्फ बोर्ड को इस मामले में उचित कार्यवाही करने की अपील की है ताकि किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके और धार्मिक संस्थाओं की जमीनों का सही तरीके से संरक्षण किया जा सके।

 

 

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