भोपाल। आयुष की एक ड्रग इंस्पेक्टर ने इंदौर के एक क्लीनिक संचालक को मकान मालिक बताकर उसका लायसेंस रिन्यू कर दिया। मामले का खुलासा होने पर जिला प्रशासन को यह लायसेंस निरस्त करना पड़ा।
प्रकरण की शिकायत पर इंस्पेक्टर का विभाग मामले की जांच कर रहा है,लेकिन इंस्पेक्टर की इस कारिस्तानी से वास्तविक मकान मालिक को करीब दो साल तक जिला कलेक्टोरेट के चक्कर लगाने पड़े।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक,मामला करीब दो साल पुराना है। आयुष संचालनालय में पदस्थ ओएसडी डॉ कीर्ति राठौर,होम्यो ड्रग इंस्पेक्टर का काम भी देखती हैं। हालांकि इस नाम के दोनों ही पद विभाग में सृजित नहीं है,लेकिन मंत्रालय स्तर से जारी एक अधिसूचना ने राठौर को इंस्पेंक्शन का अतिरिक्त दायित्व दिला दिया।
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क्लीनिक स्वामित्व को लेकर थमाया नोटिस
मामला नवनीत टॉवर ओल्ड पलासिया की एक होम्योपैथी दुकान व दूसरा इसी पैथी की क्लीनिक से जुड़ा है। इनमें दुकानदार शिकायतकर्ता मुरारीलाल बघेल की है। जो वर्तमान में इस टॉवर के मालिक भी हैं,जबकि क्लीनिक संचालक डॉ कुसुम अतरौलिया कभी यहां किराएदार रहीं हैं।
दवा दुकान या क्लीनिक लायसेंस के लिए इनके स्वामित्व या किराएनामे की जानकारी देना अनिवार्य है। इसी नियम के तहत बघेल ने साल 2022 में आयुष संचालनालय को अपनी दुकान से जुड़े स्वामित्व की जानकारी दी।
इसी का आधार बनाकर विभाग ने डॉ अतरौलिया को भी नोटिस देकर अपनी क्लीनिक के स्वामित्व का खुलासा करने को कहा।
रातोंरात जांच और हो गया लायसेंस रिन्यू
सूत्रों के मुताबिक,नोटिस का जवाब मिलने से पहले ही डा राठौर ने डॉ अतरौलिया से संपर्क साधा। वह बाला-बाला इंदौर पहुंची और रातोंरात अतरौलिया को मकान मालिक बताकर उनका लायसेंस रिन्यू कर दिया।
इस बात की भनक बघेल को लगी तो उन्होंने जनसुनवाई में कलेक्टोरेट में दस्तक दी। बघेल ने बताया कि कई बार चक्कर लगाने के बाद करीब दो साल बाद जिला प्रशासन ने शिकायत को सही मानते हुए डॉ कुसुम की क्लीनिक का लायसेंस निरस्त किया।
बघेल ने कहा कि लायसेंस निरस्त होने की जानकारी मिलने पर ड्रग इंस्पेक्टर हाल ही फिर डॉ कुसुम से मिली,लेकिन इस बार उनकी सतर्कता के चलते वह लायसेंस बहाल नहीं कर सकीं।
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जांच में आरोप पाए गए सही,कार्रवाई नहीं
बघेल की शिकायत पर जांच संचालनालय के ही एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी हिम्मत सिंह भारावी को सौंपी गई। बताया जाता है कि भारावी ने अपनी जांच रिपोर्ट भी विभाग को सौंप दी है। इसमें बघेल की शिकायत में लगाए गए आरोपों के साथ ही बिना आदेश व निर्देश के जांच करने का बिंदु भी शामिल किया गया।
बताया जाता है कि जांच में सभी आरोप सही पाए गए। बावजूद इसके विभाग की ओर से आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि विभागीय आयुक्त उमा माहेश्वरी का कहना है कि जांच अभी जारी है। इसमें कोई तथ्य सामने आते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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