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UJJAIN. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल ( Baba Mahakal ) वर्ष में एक बार एक साथ 5 रूपों में दर्शन देते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व नौ दिन भव्य रूप से मनाने के बाद इस बार बाबा महाकाल के अद्भूत दर्शन 11 मार्च सोमवार को होंगे। ऐसी मान्यता है कि शिव नवरात्रि के दौरान जो श्रद्धालु दर्शन नहीं कर सके वे पंच मुखारविंद के दर्शन करते हैं तो पूरी शिव नवरात्रि के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है।
भगवान महाकाल का पांच मुख वाला स्वरूप
भगवान शिव का पांच मुख वाला स्वरूप 'पंचतुंड', 'पंचमुख', या 'पंचानन' कहलाता है। ये पांच मुख हैं: ईशान, तत्पुरुष, अघोर, वामदेव, सद्योजात। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व सम्पन्न होने के पश्चात सोमवार को चन्द्र दर्शन के दिन भगवान महाकाल विराट स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। सोमवार को दोपहर तीन बजे के बाद भगवान महाकाल को उमा महेश, मनमहेश, शिव-ताण्डव, होल्कर व छबिना स्वरूपों से सजाया जाएगा।
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शिव नवरात्रि में महाकाल का विभिन्न स्वरूप में होता है श्रृंगार
पं. महेश पुजारी ने बताया कि भगवान शिव को पंचानन कहा गया है वे पांच स्वरूप में विश्व का कल्याण करते है। चंद्र दर्शन वह शुभ दिन है जब भगवान ने चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया था। शिव नवरात्रि पर्व के दौरान बाबा महाकाल का विभिन्न स्वरूप में श्रृंगार होता है। जो श्रद्धालु शिव नवरात्रि के दौरान भगवान के दर्शन नहीं कर पाए वे एक साथ पांच मुखारविंद के दर्शन करते हैं तो पूरी शिव नवरात्रि का पुण्य-फल प्राप्त होता है। बाबा महाकाल के पांच स्वरूप में दर्शन वर्ष में एक बार ही होते हैं।