मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के बहादरपुर सूत मिल ( Bahadarpur Cotton Mill ) में करीब 1200 मजदूर काम करते थे। इसमें से करीब 200 की मौत हो चुकी है। 35 साल तक मजदूरों ने सूत मिल में काम तो किया, लेकिन उन्हें आज तक ग्रेच्युटी नहीं मिली। मजदूर पिछले 20 साल से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। उनकी समस्या के समाधान करने के लिए कोइ नहीं हैं।
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एक हजार मजदूर अभी आस लगाए बैठे
सूत मिल में काम करने वाले बहादरपुर निवासी मजदूर सुभाष संपत पाटिल ने बताया कि उन्होंने 35 साल तक नौकरी की, लेकिन आज तक ग्रेच्युटी नहीं मिली है। वह पिछले 20 साल से कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। सुभाष ने बताया कि वह बुरहानपुर से लेकर दिल्ली तक आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि मेरे साथ ऐसे करीब 1200 मजदूर इस मिल में काम करते थे। इसमें से 200 से अधिक की तो मौत हो चुकी है। आज हम करीब 1 हजार मजदूर ऐसे हैं जो इस आस में बैठे हैं कि पैसे मिले, ताकि बुढ़ापा कट जाए और परिवार का भी भरण-पोषण हो।
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मजदूरों की इस समस्या के बारे में जिला व्यापार उद्योग केंद्र के प्रबंधक सौरभ शर्मा ने बताया कि मजदूरों ने ग्रेच्युटी की समस्या बताई है। हमने वरिष्ठ अफसर को यह मांग बता दी है। अब उनकी समस्या का जल्द ही निराकरण किया जाएगा।
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1998 से बंद पड़ी बहादरपुर सूत मिल
1998 से बंद पड़ी और अब अस्तित्व में नहीं बहादुरपुर सूत मिल श्रमिकों को आज तक भी ग्रेज्युटी का लाभ नहीं मिला है। गौरतलब है कि 1998 में बहादरपुर सूत मिल बंद हो गई थी। तभी से किसी की सैलरी तो किसी की ग्रेज्युटी अटकी हुई है।
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