उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में संसदीय स्थायी समिति की बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल पर चर्चा की गई है। इस बैठक में समिति के अध्यक्ष निरंजन बीसी और राज्यसभा सांसद गुलाम अली के अलावा वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस बैठक में बाघों की सुरक्षा, अवैध शिकार रोकने और पर्यटन विकास जैसे जरूरी मुद्दों पर भी चर्चा की गई है।
बांधवगढ़ में एआई का इस्तेमाल
बैठक में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण के लिए एआई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर विस्तार से चर्चा की गई है। समिति के अध्यक्ष निरंजन बीसी ने बताया कि राज्यसभा की स्थायी समिति और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी समिति अध्ययन दौरे पर बांधवगढ़ आए थे। उन्होंने कहा कि बांधवगढ़ में AI और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन के तहत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को ग्रेड ए में लाने की प्लानिंग है।
यूनेस्को धरोहर का दर्जा दिलाने पर चर्चा
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया जाना चाहिए। निरंजन बीसी ने बताया कि बांधवगढ़ में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर का अद्भुत मिश्रण है और इसे यूनेस्को के विश्व धरोहर में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए आवश्यक वित्तीय सहायता (financial assistance) और योजनाओं पर भी चर्चा की गई।
बांधवगढ़ दौरे पर राज्यसभा सांसद गुलाम अली
राज्यसभा सांसद गुलाम अली ने बैठक के दौरान बताया कि संसदीय समिति देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करती है और बांधवगढ़ में आकर उन्होंने वन्यजीवों की सुरक्षा और स्थानीय वन विभाग के कामों का बारीकी से अध्ययन किया। उन्होंने इस दौरान तेंदुआ भी देखा और अधिकारियों से वन्यजीवों के संरक्षण पर जानकारी ली।
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