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इंदौर में अब सोशल मीडिया पर किसी बैंक की शिकायत करना भी सुरक्षित नहीं रह गया है। एक व्यक्ति ने क्रेडिट कार्ड के एन्युअल चार्ज काटे जाने की शिकायत बैंक के X (ट्वीटर) अकाउंट पर कर दी थी। वहीं से ठग ने युवक से संपर्क किया और उसकी समस्या का निराकरण करने के नाम पर 62 हजार रुपए की ठगी कर डाली। ठगाए व्यक्ति ने इसकी शिकायत साइबर पुलिस को की है।
बैंक अफसर बन समस्या का निदान करने का भरोसा दिलाया
एडीशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि निजी बैंक के क्रेडिट कार्ड पर एन्युअल चार्ज अनावश्यक रूप से कट रहे थे। इसको लेकर उसने कई बार बैंक में बात की, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पा रही थी। इस पर उसने बैंक के X (ट्वीटर) अकाउंट पर शिकायत कर दी। यहां पर नजरें गढ़ाए बैठे सायबर ठग ने उससे बैंक का अफसर बनकर संपर्क किया।
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रिन्युअल चार्ज बंद करने के लिए मांगा ओटीपी
आरोपी खुद को बैंक का अफसर बता रहा था और उसने युवक से वाट्सअप नंबर लिया। इसके बाद उसने युवक को भरोसा दिलाया कि वह उसकी परेशानी को हल कर देगा। इसके बाद उसने युवक से कहा कि जो भी चार्ज उसके क्रेडिट कार्ड पर लगाए गए हैं वे सभी हटा दिए जाएंगे। इसके बाद ठग ने युवक से कहा कि हम आपके रिन्युअल चार्ज बंद करने की प्रोसेस कर रहे हैं। इसके लिए आपके पास एक ओटीपी आया होगा। युवक ने झांसे में आकर ओटीपी दे दिया और उसके बाद खाते से 62 हजार रुपए कट गए।
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ठग के खाते किए फ्रीज
उन्होंने बताया कि घटना के बाद जब युवक ने शिकायत की तो उस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पता लगाया कि ठग ने किन खातों में राशि ट्रांसफर की है। उसके बाद उसके खातों को फ्रीज करने के लिए संबंधित बैंक को निर्देशित कर दिया गया है। अब आरोपी की तलाश की जा रही है। वहीं, क्राइम ब्रांच ने इस तरह के सभी फ्रॉड को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
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एसबीआई इंश्योरेंस अफसर बनकर करते थे बात
गौरतलब है कि पूर्व में सायबर अपराधियों ने 67 वर्षीय महिला से 96 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के अफसर बनकर उनसे बात करते थे। महिला भी बिना पड़ताल किए दो साल तक ठगों के खातों में रुपए जमा करवाती रही। रविवार को उसे अपने साथ हुई ठगी का पता चला तो उसने घटना की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज करवाई है।
एक अन्य रिटायर्ड प्रोफेसर से भी हो चुकी है ठगी
शहर के एक रिटायर्ड प्रिंसीपल ने सायबर ठगी का शिकार होकर अपनी जीवनभर की पूंजी गंवा दी है। उन्हें शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने का झांसा दिया गया था। इस पर उन्होंने भरोसा करते हुए 1 करोड़ 70 लाख रुपए ठगोरों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। इस राशि को उन्होंने ठगोरों के बताए हुए नौ खाताें में ट्रांसफर कर दिया था। ऐसा करने को लेकर उन्हें ना केवल बैक मैनेजर व एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने भी खूब समझाया, लेकिन वे नहीं माने और सारी रकम गंवा बैठे। अब पुलिस उन ठगोरों के अकाउंट की पड़ताल कर रही है। बताया गया कि वे खाते किराए पर लिए गए थे और पड़ोसी राज्यों से ऑपरेट हो रहे थे।