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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत को एक पत्र लिखकर अपने द्वारा लगाए गए आरोपों पर खेद जताया है। उनका दावा था कि चीफ जस्टिस के बंगले में स्थित हनुमान मंदिर को तोड़ा गया है। हालांकि, इस आरोप की जांच के बाद यह निराधार साबित हुआ।
क्या है पूरा मामला?
23 दिसंबर 2024 को बार एसोसिएशन अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने एक आवेदन पत्र के आधार पर आरोप लगाया था कि चीफ जस्टिस बंगले में हनुमान मंदिर तोड़ा गया है। यह आरोप अधिवक्ता रविंद्र नाथ त्रिपाठी द्वारा दिए गए आवेदन पर आधारित था। इस शिकायत के बाद लोक निर्माण विभाग (PWD) और हाईकोर्ट प्रशासन ने जांच की। जांच में पाया गया कि चीफ जस्टिस के बंगले में कभी कोई मंदिर था ही नहीं।
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खेद व्यक्त करते हुए माफी मांगी
27 जनवरी 2025 को धन्य कुमार जैन ने अपना खेद प्रकट करते हुए एक पत्र जारी किया। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका दावा निर्धारित तथ्यों पर आधारित नहीं था। उन्होंने लिखा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति की पुनरावृत्ति नहीं होगी और अपने पहले भेजे गए आवेदन पर किसी कार्रवाई की मांग नहीं की।
जांच के परिणाम
PWD विभाग की रिपोर्ट: बंगले में मंदिर तोड़े जाने का कोई प्रमाण नहीं मिला।
हाईकोर्ट प्रशासन का बयान: चीफ जस्टिस के बंगले में कभी कोई मंदिर मौजूद नहीं था।
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मामले की सीख
इस घटना ने बार एसोसिएशन और न्यायपालिका के बीच पारस्परिक सम्मान की महत्ता को रेखांकित किया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष का खेद जताना एक सकारात्मक कदम है जो भविष्य में ऐसी गलतफहमियों से बचने का मार्ग प्रशस्त करता है।