राजधानी के चौराहों पर भिखारी करते हैं शिफ्ट में काम, सिर्फ कैश की होती है डिमांड

शहरों को भिखारी मुक्त बनाने का अभियान चल रहा है। इंदौर में सख्ती दिखाते हुए भीख देने और लेने वालों पर कार्रवाई हो रही है, जबकि भोपाल में यह योजना अभी कागजों तक सीमित है।

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Siddhi Tamrakar
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BHOPAL BEGGAR
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शहरों को भिखारी मुक्त (बेगर फ्री) करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर में सख्ती दिखाते हुए भीख देने और लेने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं, भोपाल में यह अभियान अभी कागजों में ही उलझा हुआ है।

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चौराहों पर शिफ्ट में भीख मांगते हैं भिखारी

भोपाल के प्रमुख चौराहों पर महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान से आए लोग शिफ्ट में भीख मांगते देखे गए। ये लोग सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ड्यूटी की तरह काम करते हैं। ये सिर्फ पैसे मांगते हैं और खाना देने पर राशन की मांग करते हैं।

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पुनर्वास योजना अटकी, शेल्टर हाउस नहीं बन पाया

महिला बाल विकास विभाग और सामाजिक न्याय विभाग ने भिखारी मुक्त शहर के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें भीख देने वालों पर स्पॉट फाइन करने और भिखारियों के पुनर्वास की योजना थी। लेकिन, पुनर्वास के लिए किराए पर शेल्टर हाउस अभी तक नहीं मिल पाया है। इस कारण से अभियान पर अमल नहीं हो सका।

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सर्वे और योजना का हाल

  • 2023: सर्वे में भोपाल में 5 हजार भिखारियों की पहचान हुई।

  • अगस्त 2024: 400 भिखारियों की प्रोफाइल बनाई गई।

  • दिसंबर 2024: जिला प्रशासन ने पुनर्वास प्रस्ताव को मंजूरी दी।

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कार्रवाई के प्रस्ताव

  • भीख लेने वालों पर एफआईआर: ताकि वे आय के दूसरे विकल्प तलाशें।

    • स्थिति: अब तक सिर्फ एक भिखारी के खिलाफ कार्रवाई हुई है।

  • भीख न देने के लिए जागरूकता: लोगों को जागरूक करना जरूरी।

    • स्थिति: अभी तक कोई प्रयास नहीं।

  • स्पॉट फाइन: भीख देने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।

    • स्थिति: अब तक स्पॉट फाइन नहीं लगाया गया।

  • भिखारियों का पुनर्वास: 400 भिखारियों के लिए शेल्टर की व्यवस्था।

    • स्थिति: किराए का मकान नहीं मिलने से कार्य अटका।

कलेक्टर का बयान

इस मामले में भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि भिक्षु गृह के लिए किराए का मकान नहीं मिल रहा है। अब सरकारी भवनों की तलाश की जा रही है। वहीं, व्यवस्था बनने के बाद स्पॉट फाइन और एफआईआर की कार्रवाई होगी।

 

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