बैतूल में घायल मिला अजगर, प्राथमिक उपचार के बाद भेजा गया भोपाल

बैतूल के सारणी इलाके के पास एक गंभीर रूप से घायल अजगर को रेस्क्यू करके भोपाल भेजा गया। सतपुड़ा बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष आदिल खान ने इस अजगर को नदी के किनारे से पकड़ा।

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Amresh Kushwaha
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अजगर का रेस्क्यू
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बैतूल (Betul) के सारणी (Sarni) इलाके के पास एक गंभीर रूप से घायल अजगर (Python) को रेस्क्यू करके भोपाल (Bhopal) भेजा गया है। सतपुड़ा बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसायटी (Satpura Biodiversity Conservation Society) के अध्यक्ष आदिल खान (Adil Khan) ने इस अजगर को नदी के किनारे से गंभीर हालत में पकड़ा। अजगर के शरीर पर कई जगह गहरे घाव थे और उसकी पसलियां भी टूटी हुई थीं। इसके अलावा अजगर के गले में बंधे लोहे के तार को हटाकर उसका प्राथमिक उपचार किया गया। उपचार के बाद उसे इलाज के लिए भोपाल भेजा गया।

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घायल अजगर का रेस्क्यू और प्राथमिक उपचार

आदिल खान को सारणी के बाकुड़ गांव (Bakud Village) से कॉल आया था, जहां एक बड़ा अजगर सांप (Python Snake) नदी के पास घास में पड़ा हुआ था। गांव के बच्चों ने खेलते समय अजगर को देखा, जिसके बाद मनोज नागवंशी (Manoj Nagvanshi) ने आदिल को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचकर आदिल ने देखा कि अजगर गंभीर रूप से घायल था और उसके शरीर पर कई जगह गहरे घाव थे। ऐसा लग रहा था कि किसी ने अजगर को मारने का असफल प्रयास किया था।

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अजगर का किया गया प्राथमिक उपचार

अजगर के गले में एक लोहे का तार भी बंधा हुआ था, जिसे हटाकर उसका प्राथमिक उपचार किया गया। आदिल खान ने वन विभाग के सारनी एसडीओ अजय वहाने (SDO Sarni Ajay Vahane) को घटना की जानकारी दी और अजगर को अपने घर पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। इस दौरान निलेश झरबड़े (Nilesh Jharbade) और दीपक पटेल (Deepak Patel) ने भी मदद की।

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भोपाल में होगा आगे का इलाज

घायल अजगर की गंभीर स्थिति को देखते हुए पशु चिकित्सक रूपेश उबनारे (Rupesh Ubnaare), अंकित, और कीर्ति ठाकरे (Kirti Thakre) ने उसका इलाज किया। उन्होंने अजगर के गहरे घावों की सफाई की और उसे एंटीबायोटिक इंजेक्शन (Antibiotic Injection) दिए। अजगर के शरीर पर गहरे घाव थे, जो लगभग तीन से चार दिन पुराने थे।

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भोपाल लाया गया अजगर

अजगर की स्थिति अत्यधिक गंभीर होने के कारण आदिल खान ने भोपाल निवासी पीपल फॉर एनिमल्स (People for Animals) की स्टेट कोऑर्डिनेटर स्वाति गौरव (Swati Gaurav) को सूचित किया। स्वाति गौरव ने भोपाल में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की और अजगर को भोपाल भेजने की सहमति ली। रात को 10 बजे अजगर को सारणी से वन्यप्राणियों का इलाज करने वाले सर्जन (Surgeon) के पास इलाज के लिए रेफर किया गया।

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