BHOPAL. भिंड लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया ( Phool singh Baraiya ) ने भिंड के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए 77 पोलिंग बूथ पर रीपोल कराने की मांग की है। इसकी शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग से भी की है। भिंड में मीडिया से चर्चा करते हुए फूल सिंह बरैया ने आरोप लगाया है कि भिंड के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने पोलिंग बूथ पर वोट लूटने का काम किया है, पुलिस के टीआई, एसडीओपी समेत प्रशासन के एसडीएम स्तर के अधिकारियों ने वोट लूटने का काम किया।
थाना प्रभारी पर लगे बूथ लूटने के आरोप
उन्होंने रावतपुरा थाने के थाना प्रभारी कमलकांत दुबे समेत मेहगांव थाने के थाना प्रभारी आशुतोष शर्मा पर भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की मारपीट करने और वोट लूटने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही फूल सिंह बरैया ने थानेदारों पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर इनके वारंट जारी कर दिए जाएं तो डाकू भी शरमा जाए।
बरैया ने ऊर्जा मंत्री पर साधा निशाना
उन्होंने मोहन सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि मंत्री ने संविधान तोड़ा, जबकि उन्होंने मंत्री बनने पर कई बार कसमें खाई। इसके साथ ही फूल सिंह बरैया ने 77 पोलिंग बूथ पर रिपोल करने की मांग की है. उन्होंने इससे संबंधित शिकायत भी चुनाव आयोग में की है। फूल सिंह बरैया का कहना है कि उनके पास इसके तथ्य भी मौजूद हैं। वे चाहते हैं की 77 पोलिंग बूथ पर रिपोल करवाया जाए.हम आपको बता दें कि तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट पर भी चुनाव हुआ था। यहां भाजपा से संध्या राय प्रत्याशी हैं जबकि कांग्रेस से फूल सिंह बरैया प्रत्याशी है।
बरैया के आरोप पर क्या चुनाव आयोग लेगा संज्ञान ?
फूल सिंह बरैया ने आरोप लगाते हुए कहा कि देश खतरे में है। देश की डेमोक्रेसी खतरे में है। इसको बचाने के लिए जब भी हम आगे जाएंगे। इसमें सबसे पहला कदम होगा मीडिया का कदम जो चौथा स्तंभ है। इसको ही शुरुआत में हम लाएंगे तो ही देश बचाने की शुरुआत होगी। थाना प्रभारी,एसडीएम और एसडीओपी का साथ लेकर खुल्लम-खुल्ला उन्होंने वोट को लूटने का काम किया है। हम लोग अलर्ट थे, हमारे कार्यकर्ता अलर्ट थे। हमने जो वोट बचा लिया है, वह वोट के कारण हम जीत जाएंगे। बाकी उन्होंने हमें पूरी तरीके से हारने का प्रबंध कर दिया था। प्रशासन के लोग सबसे ज्यादा हैं। सबसे ज्यादा थाना प्रभारी हैं, सबसे ज्यादा एसडीएम है। सबसे ज्यादा एसडीओपी है। जो स्थानीय नेता हैं जिनके लिए वह कर रहे हैं उनके कुछ गुंडे टाइप के लोग होंगे। एक पूरी टीम है उनकी जो मिलकर के काम करती है। 50-50 की संख्या में वह जाते थे और पोलिंग में घुसते थे और अपना काम करके निकल कर आ जाते थे।
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