भोपाल को नई पहचान देगा भोज-नर्मदा द्वार, सीएम मोहन यादव ने किया शिलान्यास

भोपाल के समरधा क्षेत्र में 'भोज-नर्मदा द्वार' के निर्माण की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा भूमिपूजन के साथ की गई। यह द्वार राजा भोज और मां नर्मदा के गौरवशाली प्रतीकों को समर्पित होगा। 

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Sandeep Kumar
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MP News: भोपाल के समरधा क्षेत्र में 'भोज-नर्मदा द्वार' बनने जा रहा है, जिसका भूमिपूजन सीएम मोहन यादव ने रविवार को किया। यह द्वार नगर निगम की योजना के तहत राजधानी के प्रमुख प्रवेश मार्गों पर ऐतिहासिक पहचान को दर्शाने के मकसद से बनाया जा रहा है। इसी कार्यक्रम में नीमच में स्थापित 10 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण भी सीएम द्वारा किया गया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान उसके वीर शासकों से रही है और ऐसे में राजा भोज और विक्रमादित्य जैसे ऐतिहासिक महानायकों की स्मृति को जीवित रखने हेतु द्वार निर्माण किया जाएगा। यह द्वार न केवल सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक होंगे, बल्कि राजधानी को एक नया रूप भी देंगे। इसके अतिरिक्त अन्य प्रमुख मार्गों पर भी द्वार निर्माण की योजना बनाई गई है। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और नगर निगम के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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शहर में द्वार निर्माण का मास्टरप्लान तैयार

नगर निगम की योजना के अनुसार राजधानी के दो प्रमुख प्रवेश मार्गों पर ऐतिहासिक द्वार बनाए जा रहे हैं। एक द्वार भोज-नर्मदा द्वार के रूप में समरधा में बनेगा और दूसरा इंदौर-भोपाल रोड पर विक्रमादित्य द्वार के रूप में प्रस्तावित है। निगम परिषद की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है।

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अन्य मार्गों पर भी बनेंगे सांस्कृतिक प्रतीक द्वार

नगर निगम ने भविष्य में अन्य प्रमुख मार्गों जैसे बैरसिया रोड, रायसेन रोड, कोलार रोड, विदिशा रोड और मुबारकपुर जैसे क्षेत्रों में भी ऐसे द्वार बनाने की योजना बनाई है। इन द्वारों के माध्यम से स्थानीय इतिहास, सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक महापुरुषों को सार्वजनिक स्मृति में बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा।

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नेताओं की मौजूदगी में हुआ कार्यक्रम

इस ऐतिहासिक अवसर पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, महापौर मालती राय सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और नगर निगम के पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने इस पहल को राजधानी के लिए एक नई पहचान और दिशा देने वाला कदम बताया।

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वीर शासकों की विरासत को बताया प्रेरणा स्रोत

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की पहचान हमारे गौरवशाली शासकों—सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज से है। उन्होंने कहा कि राजा भोज एक महान शिक्षक और योद्धा थे जबकि विक्रमादित्य को उनके न्यायप्रिय और पराक्रमी नेतृत्व के लिए जाना जाता है। ऐसे महापुरुषों के नाम पर द्वार बनाना उनके योगदान को नमन करने जैसा है।

10 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण

इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नगर निगम भोपाल द्वारा नीमच में विकसित 10 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र का भी लोकार्पण किया। यह संयंत्र भोपाल की ऊर्जा जरूरतों को हरित स्रोत से पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और नगर निगम के ऊर्जा व्यय को कम करना है।

 

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