BMHRC में लगी नई DNA सीक्वेंसर मशीन, सिकल सेल एनीमिया की होगी सटीक पहचान, मिलेगा बेहतर इलाज

भोपाल के स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) में एक नई डीएनए सीक्वेंसर मशीन स्थापित की गई है, जो सिकल सेल एनीमिया की आनुवंशिक जांच को अधिक सटीक और प्रभावी बनाएगी।

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Vikram Jain
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Bhopal BMHRC DNA sequencer machine sickle cell anemia treatment
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भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) में हाल ही में एक अत्याधुनिक डीएनए सीक्वेंसर मशीन (DNA Sequencer Machine) स्थापित की गई है। इस मशीन का उद्देश्य सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia) की आनुवंशिक जांच को और अधिक सटीक बनाना है, जिससे मरीजों को बेहतर और व्यक्तिगत उपचार की सुविधा मिलेगी। यह कदम भारत सरकार के सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का हिस्सा है और इससे बीमारी के इलाज के नए रास्ते खुल सकते हैं।

बीएमएचआरसी में शुरू हुई डीएनए सीक्वेंसर मशीन

दरअसल, भारत सरकार के सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत भोपाल के बीएमएचआरसी में एक नई डीएनए सीक्वेंसर मशीन लगाई गई है। जिसका उद्देश्य सिकल सेल एनीमिया की आनुवंशिक जांच को अधिक सटीक और प्रभावी बनाना है। नई डीएनए सीक्वेंसर मशीन से सिकल सेल एनीमिया के इलाज में मदद मिलेगी। जो मरीजों को बेहतर इलाज और समय पर निदान देने में मदद करेगी।

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नई मशीन से जीन स्तर पर जांच संभव

बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने डीएनए सीक्वेंसर मशीन को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि सिकल सेल एनीमिया एक आनुवंशिक बीमारी है, जो माता-पिता से बच्चों में जाती है। पारंपरिक जांच विधियों में सिर्फ हीमोग्लोबिन के प्रकारों की पहचान की जा सकती थी, लेकिन डीएनए सीक्वेंसर मशीन जीन स्तर पर जाकर सटीक म्यूटेशन की पहचान करेगी। इससे मरीजों को अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत उपचार की योजना मिलेगी।

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मरीजों की होगी पहचान, समय पर मिलेगा इलाज

इस नई मशीन की मदद से सिकल सेल एनीमिया के मरीजों की पहचान ज्यादा सटीक तरीके से की जा सकेगी, जिससे सही समय पर उपचार मिल सकेगा। इसके अलावा, इस मशीन का इस्तेमाल जीन एडिटिंग तकनीकों में भी होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि CRISPR जैसी एडवांस्ड जीन एडिटिंग तकनीकों के जरिए सिकल सेल एनीमिया का स्थायी इलाज संभव हो सकता है।

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नई डीएनए सीक्वेंसर मशीन की विशेषताएं

  • बीमारी की पहचान: यह मशीन जीन स्तर पर जाकर एचबीबी जीन के म्यूटेशन की सटीक पहचान करेगी।
  • सटीक और विश्वसनीय रिजल्ट: पारंपरिक जांच विधियों के मुकाबले यह मशीन अधिक स्पष्ट और विश्वसनीय जानकारी देगी।
  • गर्भस्थ शिशु की जांच: यह मशीन गर्भ में पल रहे बच्चे या नवजात शिशु में सिकल सेल बीमारी की शुरुआती लक्षणों की पहचान कर सकेगी।
  • वाहक की होगी सटीक पहचान:  यह मशीन यह पता लगाने में मदद करेगी कि कोई व्यक्ति सिकल सेल एनीमिया का वाहक है या नहीं।
  • उन्नत उपचार में सहायक: यह मशीन बोन मैरो ट्रांसप्लांट और अन्य एडवांस्ड उपचार तकनीकों के लिए भी उपयोगी साबित होगी।

नई तकनीक से सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को न केवल बेहतर उपचार मिलेगा, बल्कि बीमारी का समय पर निदान भी हो सकेगा, जिससे उपचार की प्रक्रिया और प्रभावी होगी।

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