भोपाल में महिला डॉक्टर की मौत के बाद सरकार का एक्शन, प्रदेशभर में बसों की चेकिंग शुरू!
भोपाल में बस हादसे में डॉक्टर की मौत, सीएम ने बसों की फिटनेस चेकिंग शुरू करने के आदेश दिए, सुरक्षा मानकों पर सख्ती बढ़ी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में यात्री बसों, शैक्षणिक संस्थानों की बसों की जांच को लेकर विशेष अभियान का ऐलान किया।
MP News : सोमवार (12 मई) को भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें एक स्कूल बस के ब्रेक फेल होने के कारण महिला डॉक्टर की मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब बस ने पहले एक स्विफ्ट कार को टक्कर मारी, फिर पास में खड़ी स्कूटी और अन्य दोपहिया वाहनों को भी अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में डॉक्टर बिटिया (22 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। इस दुखद घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेशभर में बसों की सघन चेकिंग और फिटनेस की जांच के सख्त निर्देश जारी किए।
घटना के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में यात्री बसों, शैक्षणिक संस्थानों की बसों और स्कूल बसों की जांच को लेकर एक विशेष अभियान शुरू करने का ऐलान किया। यह अभियान 13 मई 2025 से शुरू किया जाएगा और इसमें पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। इसके तहत, सभी बसों की फिटनेस, चालकों के लाइसेंस, ओवरलोडिंग, और कई अन्य बिंदुओं पर जांच की जाएगी।
जांच में यह भी पाया गया कि जिस बस ने हादसा किया था, उसका फिटनेस प्रमाणपत्र, पंजीकरण और बीमा वैधता समाप्त हो चुका था। हादसे के बाद प्रशासन ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया और दोषी वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
गति नियंत्रक (Speed Limiter): सभी वाहनों में केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 118 के अनुसार गति नियंत्रक लगा होना चाहिए।
वीएलटीडी डिवाइस (VLTD Device): यात्री बसों में सभी वाहनों में वीएलटीडी डिवाइस होना जरूरी है।
शैक्षणिक वाहनों में सुरक्षा उपकरण: शैक्षणिक वाहनों में वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD), कैमरे और पैनिक बटन अनिवार्य होंगे।
अभिभावकों को वाहन का डेटा: शैक्षणिक वाहन के डेटा का अभिभावकों और संबंधित स्कूलों को एकसैस प्रदान किया जाएगा।
फर्स्ट-एड बॉक्स (First Aid Box): सभी वाहनों में फर्स्ट-एड बॉक्स रखना अनिवार्य होगा।
नई शैक्षणिक वाहनों में स्टॉपिंग गियर: अक्टूबर 2023 के बाद बने शैक्षणिक वाहनों में केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 के अनुसार स्न्रक्कस्-135 सिस्टम लगाए जाने चाहिए।
अग्निशमन यंत्र: शैक्षणिक वाहनों में उपयुक्त अग्निशमन यंत्र होना चाहिए।
खिड़कियों पर काले कांच पर पाबंदी: वाहनों की खिड़कियों पर काले कांच या पर्दे नहीं होने चाहिए।
वैध प्रमाणपत्र: सभी वाहनों के पास वैध बीमा प्रमाणपत्र, फिटनेस प्रमाणपत्र और परमिट होना चाहिए।
ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई: बसों में तय सीमा से अधिक यात्री या सामान न हो, इसके लिए सघन चेकिंग की जाएगी।
बसों की फिटनेस जांच में किन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा?
बसों की फिटनेस जांच में प्रमुख बिंदु जैसे गति नियंत्रक, वीएलटीडी डिवाइस, पैनिक बटन, अग्निशमन यंत्र, और ओवरलोडिंग पर ध्यान दिया जाएगा।
अगर कोई बस अनफिट पाई जाती है तो क्या कार्रवाई की जाएगी?
यदि कोई बस फिटनेस प्रमाणपत्र होने के बावजूद अनफिट पाई जाती है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और फिटनेस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
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