BHOPAL. राजधानी भोपाल में 110 करोड़ की जमीन को बेचने के दौरान पुणे की कंपनी के दो डायरेक्टरों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। कंपनी के दो डायरेक्टरों ने 3 अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों के पास बंधक जमीन की फर्जी एनओसी (No Objection Certificate) बनाकर उसे बेचने की कोशिश कर रहे थे। जमीन बेचने के दस्तावेज भी तैयार हो चुके थे, लेकिन जमीन के ही पुराने मालिक से लेनदेन को लेकर मामला बिगड़ गया और फर्जीवाड़े की कलई खुल गई। अब मामले में पुलिस आरोपी दंपती राजेश जैन और राधिका जैन के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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फाइनेंस कंपनियों से लिया 110 करोड़ का लोन
घनी आबादी के साथ ही अब राजधानी में जमीनों की कीमत कई गुना बढ़ चुकी हैं। इसके कारण कुछ साल पहले खरीदे गए भूखंड लाखों से करोड़ों रुपए कीमत के हो गए हैं। कुछ साल पहले जमीनों की कीमतों में उछाल की संभावना को देखते हुए पुणे की कंपनी के डायरेक्टर दंपती राजेश जैन ने बावड़िया कलां क्षेत्र में जमीन खरीदी थी। संपत्ति में राजेश जैन के साथ कंपनी में डायरेक्टर के रूप में कार्यरत उनकी पत्नी राधिका भी पार्टनर थीं। सौदे के समय जमीन के मालिक रामसिंह को एक एकड़ जमीन का रुपया बाद में देने की बात तय हुई थी। जैन दंपती ने इस जमीन पर तीन फाइनेंस कंपनियों से 110 करोड़ रुपए का लोन ले लिया। रामसिंह ने एक एकड़ जमीन की कीमत नहीं मिलने पर उसकी बिक्री पर रोक के लिए तहसील में आपत्ति लगा दी थी।
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फर्जी एनओसी पेश करने पर हुआ खुलासा
इसकी जानकारी लगने राजेश जैन और उनकी पत्नी ने गुपचुप तरीके से जमीन बेचने के लिए दस्तावेज तैयार करा लिए। उन्होंने तीनों फाइनेंस कंपनियों को 110 करोड़ रुपए चुकाए बिना ही फर्जी एनओसी भी तैयार कर लीं। खरीद- फरोख्त की इस प्रक्रिया के दौरान रामसिंह को फाइनेंस कंपनियों के फर्जी एनओसी दस्तावेज की खबर लग गई। उसने कंपनियों को इसकी जानकारी देने के साथ ही तहसील और पुलिस को भी शिकायत कर दी। जैन दंपती द्वारा तहसील में जमा कराए गए दस्तावेजों की पड़ताल और फाइनेंस कंपनियों की एनओसी फर्जी होने की पुष्टि होने पर दंपती राजेश जैन और राधिका जैन पर धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया गया है।
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