उपोक्ता आयोग का फैसला, Niva Bupa कंपनी ने नहीं दिया बीमा क्लेम, अब देगी 4.43 लाख रुपए

भोपाल उपभोक्ता आयोग ने हार्ट अटैक पीड़ित मरीज का बीमा क्लेम अस्वीकार करने पर निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर 4.43 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।

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Rohit Sahu
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भोपाल के उपभोक्ता आयोग ने निवा बूपा (Niva Bupa Health Insurance Company Limited) के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाते हुए 4.43 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। यह मामला तब सामने आया जब कंपनी ने एक हार्ट अटैक पीड़ित मरीज का बीमा क्लेम को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। कंपनी ने इसके पीछे वजह बताई कि उसने अपनी पुरानी बीमारी की जानकारी छुपाई थी। उपभोक्ता आयोग ने इसे गलत ठहराया और बीमा कंपनी को क्लेम की राशि के साथ मुआवजा देने का आदेश दिया।

इलाज पर आया था 3.58 लाख खर्च

भोपाल के कोलार रोड के रहने वाले ओमप्रकाश पुरोहित को 15 अप्रैल 2023 को अचानक हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें बेंगलुरु के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उन्हें दो स्टेंट डाले गए और 17 अप्रैल को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। 16 जून 2023 को उन्हें दोबारा भर्ती होना पड़ा, और इस बार दो और स्टेंट डाले गए। कुल मिलाकर उनके इलाज पर 3.58 लाख रुपए का खर्च आया, जिसे उन्होंने अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत क्लेम करने की कोशिश की।

बीमा कंपनी ने क्लेम मंजूर नहीं किया?

जब ओमप्रकाश ने निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम के लिए संपर्क किया, तो कंपनी ने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि 2017 में किए गए एक टेस्ट में उन्हें गॉल स्टोन पैनक्रिएटाइटिस (Gallstone Pancreatitis) की बीमारी थी, लेकिन बीमा लेते समय उन्होंने यह जानकारी नहीं दी थी। इस आधार पर कंपनी ने उनकी पॉलिसी निरस्त कर दी और क्लेम की राशि देने से इनकार कर दिया।

ओमप्रकाश के पक्ष में दिया आया फैसला

ओमप्रकाश ने बीमा कंपनी की मनमानी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। उपभोक्ता आयोग ने मामले की जांच के बाद बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाया और उसे पेमेंट करने का आदेश दिया। अब कंपनी 3.58 लाख रुपए- क्लेम की राशि, 50 हजार रुपए सेवा में कमी के लिए हर्जाना, 25 हजार रुपए- मानसिक कष्ट के लिए मुआवजा, 10 हजार रुपए- कानूनी खर्च समेत कुल 4.43 लाख रुपए देगी।

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बीमा क्लेम अस्वीकार होने पर क्या करें?

  1. बीमा कंपनियां मनमाने ढंग से क्लेम रिजेक्ट नहीं कर सकतीं– यदि आपकी बीमारी का वर्तमान इलाज पुरानी बीमारी से संबंधित नहीं है, तो बीमा कंपनी आपका क्लेम अस्वीकार नहीं कर सकती।

  2. बीमा कंपनियों की मनमानी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत करें– यदि आपका क्लेम गलत तरीके से अस्वीकार किया जाता है, तो उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करें।

  3. बीमा पॉलिसी के नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ें– पॉलिसी खरीदते समय उसकी शर्तों को समझें और कवर की गई बीमारियों की पूरी जानकारी लें।

  4. अपने मेडिकल इतिहास को छिपाएं नहीं– यदि आपको पहले से कोई बीमारी है, तो इसे सही ढंग से घोषित करें ताकि भविष्य में क्लेम अस्वीकार न हो।

  5. बीमा कंपनियों को गुमराह करने की अनुमति न दें – यदि आपको लगता है कि बीमा कंपनी गलत तरीके से क्लेम अस्वीकार कर रही है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

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