BHOPAL. क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होने वाली ठगी के मामले में कई उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ( District Consumer Disputes Redressal Commission ) भोपाल की बेंच-2 ने, क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले कोटक महिंद्रा ( Kotak Mahindra ) के खिलाफ एक परिवादी के हित में फैसला दिया है। फैसले के अनुसार कोटक महिंद्रा को जारी आदेश में कहा गया है कि वह परिवादी ( complainant ) को 90 हजार रुपए और 15 हजार रुपए हर्जाने के दो महीने में अदा करें। रकम समय पर न देने पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज भी उसे दिया जाए।
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ये था पूरा मामला
आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह और सदस्य अंजुम फिरोज की बैंच ने यह फैसला दिया है। मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट सुशील गोस्वामी ( Advocate Sushil Goswami ) ने बताया कि परिवादी मुशीर अहमद खान निवासी नूर महल रोड ने कोटक महेंद्रा बैंक से क्रेडिट कार्ड लिया था। मुशीर 21 नवंबर 2019 को शिवपुरी में था, उसी रात उसने 10 रुपए ट्रांसफर करने ओटीपी जनरेट किया और साइन डॉटकाम को वे ट्रांसफर कर दिए। लेकिन 10 मिनट बाद ही 40000, 10000 और एक के बाद एक ट्रांजेक्शन के माध्यम से करीब एक लाख रुपए का लेन-देन कर लिया गया। परिवादी को इन ट्रांजेक्शनों के चार मैसेज भी प्राप्त हुए।
परिवादी ने हर जगह सूचना दी
इसके बाद परिवादी ने इस बात की सूचना कोटक महेंद्रा के कस्टमर केयर नंबर पर दी और मामले में संबंधित थाने जाकर एफआईआर भी दर्ज करवा दी। साथ ही कोटक महेंद्रा को सूचना देकर चारों लेन-देन कैंसिल करने और कार्ड ब्लॉक किए जाने को भी कहा। उसके बाद कोटक महेंद्रा से मुशीर को तीन मैसेज आए। इस प्रकार कुल 10 हजार 048 रुपए रिफंड का मैसेज आया। लेकिन बचे हुए 90,000 रुपए का रिफंड कोटक महेंद्रा ने नहीं किया।
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परिवादी ने प्रतितोषण आयोग से लगाई गुहार
आखिर अनावेदक मुशीर ने अपने वकील के माध्यम से आयोग से यह सहायता मांगी कि वह कोटक महेंद्रा से 90000 रुपए मय ब्याज और वाद-व्यय के 10000 और अन्य सहायता दिलाए।