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Bhopal News: भोपाल में EOW ने शुक्रवार को कारोबारी दिलीप गुप्ता और उनकी कंपनियों पर बड़ी छापेमारी की। उन पर निवेशकों से 35 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप हैं। जांच में फर्जी दस्तावेज, शेयरों में हेरफेर और मुनाफे का झांसा देने के सबूत मिले हैं।
पहले 5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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निवेश धोखाधड़ी केस में ईओडब्ल्यू की छापेमारी
भोपाल में आर्थिक अपराध शाखा ने कारोबारी दिलीप गुप्ता के घर और ऑफिस पर छापा मारा है। दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच की जा रही है।
गुप्ता और उनकी कंपनियों DG Minerals और Shri Maa Cemtech पर 35.37 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप हैं। आरोप हैं कि निवेशकों को ऊंचा मुनाफा दिखाकर फंड जुटाया गया।
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मुनाफे का लालच और शेयरों में हेरफेर
शेयर की असली कीमत 10 रुपए थी, लेकिन हर शेयर 12 हजार 972 रुपए में बेचा गया। फर्जी दस्तावेजों और बैंक चेक के जरिए निवेशकों से रकम ली गई।
EOW ने दर्ज की FIR
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EOW (EOW raid action) ने धोखाधड़ी, साजिश और जालसाजी समेत संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। डिजिटल और कागजी दस्तावेजों की विस्तृत जांच जारी है।
भरोसेमंद निवेशक वनीत जैन ने सबसे पहले शिकायत दर्ज कराई थी। उनके बयान पर जांच शुरू हुई और FIR दर्ज हुई।
निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह
Bhopal EOW ने सभी निवेशकों को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने को कहा है। भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों से बचने की चेतावनी दी गई।
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48 फीसदी ब्याज का दिया था लालच
इस मामले में दर्ज एफआईआर में अभियुक्त दिलीप कुमार गुप्ता और उनकी कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता विनीत जैन ने आरोप लगाया है कि गुप्ता और उनके सहयोगियों ने उन्हें सुनियोजित तरीके से धोखा दिया और करोड़ों का नुकसान किया।
3-4% मासिक रिटर्न का वादा किया था
आरोप है कि दिलीप गुप्ता ने विनीत जैन को 3-4% मासिक रिटर्न का लालच देकर अपने खनन और अन्य कारोबारों में निवेश करने के लिए राजी किया।
जांच में पता चला कि यह धोखाधड़ी कई चरणों में हुई। पहले, गुप्ता ने निवेशकों को झूठा मुनाफा दिखाकर उन्हें और निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
फिर, गुप्ता और उनके साथियों ने जाली दस्तावेज तैयार किए, संपत्तियों पर लोन लिया और शेयरों में हेरफेर किया। अंत में, उन्होंने ₹7.74 करोड़ का चेक जारी किया, जो जानबूझकर बाउंस हो गया। इस धोखाधड़ी का कुल नुकसान ₹35.75 करोड़ बताया जा रहा है।
इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज़ को असली के रूप में उपयोग करना) के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं।
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