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Photograph: (THESOOTR)
GWALIOR. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बैंक ऋण प्राप्त करने में कथित धोखाधड़ी की गई है। इस मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की ग्वालियर इकाई ने आठ आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
आरोपियों ने फर्जी कोटेशन, सप्लाई आर्डर और बैंक खातों में लेनदेन दिखाकर बैंक से 7.48 लाख रुपए हड़प लिए। बैंक की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने जांच की तो गड़बड़झाला सामने आ गया।
स्वरोजगार योजना में ऐसे की हेराफेरी
मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में बेरोजगारी पर कसावट के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना भी शामिल है। ग्वालियर में इसी योजना में सेंध लगाई गई है।
ग्वालियर में स्वरोजगार के लिए गारमेंट्स शॉप खोलने के लिए आर्थिक मदद मांगी गई और जब सरकार की ओर से स्वीकृति मिली तो बैंक से मिली राशि की बंदरबाट कर ली। दुकान खोलने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया। गारमेंट्स से लेकर हर सामान के फर्जी बिल तैयार कराए गए, कोटेशन भी फर्जी बनवाया गया था।
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जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ग्वालियर ने बैंक ऋण गबन की शिकायत पर जब पड़ताल की तो पता चला कि डीडी नगर में रहने वाले हरवीर सिंह पुत्र महेंद्र सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत आवेदन कर मदद मांगी थी।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ग्वालियर ने आवेदन स्वीकृत कर ऋण उपलब्ध कराने जयेन्द्रगंज स्थित विजया बैंक शाखा को भेज दिया। बैंक ने योजना के तहत हरवीर सिंह की गारमेंट शॉप के लिए 9 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत किया था।
ऋण की स्वीकृति के बाद हरवीर सिंह ने अपने परिचित दुकानदार, सप्लायरों की मदद से फर्जी कोटेशन, माल सप्लाई के ऑर्डर और बिल वाउचर तैयार कराए। इन्हीं के सहारे बैंक से स्वरोजगार के लिए मिले 7.48 लाख रुपए डकार गए।
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इन पर दर्ज किया अपराध
ईओडब्ल्यू ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत मिले ऋण को हड़पने के मामले में हरवीर सिंह चौहान, प्रेमकिशोर शिवहरे, मीरादेवी शिवहरे, पूनम गुलहरे, कृष्ण कुमार गुप्ता, अनिल सिंह परमार, मैसर्स पूनम ट्रेडिंग कंपनी और अन्य अज्ञात लोगों पर गबन का अपराध दर्ज किया गया है।
आरोपियों में पूनम गुलहरे छत्तीसगढ़ के रायपुर की निवासी हैं। ईओडब्ल्यु टीम ग्वालियर में हुई हेराफेरी में उनकी भूमिका की जांच कर रही है। इस फर्जीवाड़े में आरोपियों द्वारा बैंक और सरकार से धोखाधड़ी की पुष्टि हो चुकी है। अब बैंक स्टेटमेंट की जांच के साथ ही अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।
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