शिवपुरी ने Civil Judge Exam 2022 में लहराया परचम, ये 4 कहानियां आपको करेंगी मोटिवेट

सिविल जज 2022 परीक्षा में शिवपुरी के 4 युवाओं ने सफलता हासिल की। अर्पित गुप्ता ने पहले प्रयास में, आयुषी रघुवंशी और मानसी सिंह तोमर ने तीसरे प्रयास में सफलता पाई। देवेश पांडे ने आठवें प्रयास में मंजिल पाई। यह कहानियां लगन की मिसाल हैं।

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Anjali Dwivedi
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मध्यप्रदेश सिविल जज 2022 परीक्षा का रिजल्ट आ गया है। इस बार के रिजल्ट में शिवपुरी से चार युवाओं ने सफलता हासिल की है। इनमें दो युवक और दो युवतियां शामिल हैं। इन चारों Civil Judge Topper ने अपनी लगन और हौसले से यह मुकाम पाया है। इनकी कहानियां यह साबित करती हैं कि किसी की भी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है।

अर्पित गुप्ता की सक्सेस जर्नी

अर्पित गुप्ता (26) ने तो पहले ही प्रयास में बाजी मार ली। अर्पित गुप्ता के पिता पीसी गुप्ता भी सिविल जज रह चुके हैं। उनके पिता हाल ही में प्रधान न्यायाधीश पद से रिटायर हुए हैं। अर्पित ने पिता के गाइडेंस पर चलकर सफलता पाई है।

उन्होंने इस बार मध्यप्रदेश सिविल जज परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की है। 2024 में उन्होंने छत्तीसगढ़ सिविल जज परीक्षा में दूसरी रैंक पाई थी।

आयुषी रघुवंशी की सक्सेस स्टोरी 

आयुषी रघुवंशी (26) को तीसरे प्रयास में सफलता मिली है। आयुषी शिवपुरी के लॉ कॉलेज में टीचर थीं। उनके लॉ कॉलेज के अनुभव से उन्हें बहुत मदद मिली। पिछले दो प्रयासों में जजमेंट राइटिंग यानी लैंग्वेज में कमी रह गई थी।

सिविल जज 2022 में आयुषी ने इन दोनों पर खास ध्यान दिया। लगातार अभ्यास और सुधार के कारण आयुषी को सफलता मिली। आयुषी की मां टीचर हैं और पिता व्यवसायी हैं।

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आठवें प्रयास में मिली देवेश पांडे को मंजिल

देवेश पांडे (31) के लिए यह सफर आसान नहीं था। उनका सपना हमेशा सिविल जज बनने का था। उन्होंने दो बार यूपी और एक बार दिल्ली की परीक्षा दी। मध्य प्रदेश में उन्होंने पांच बार परीक्षा दी थी। इतनी बार असफलता मिलने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।

देवेश बताते हैं कि उन्होंने आंसर राइटिंग पर बहुत काम किया। इंटरव्यू के दौरान सवाल समझने का तरीका बदला। नतीजा यह रहा कि आठवें और अंतिम प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई।

गोल्ड मेडलिस्ट मानसी तोमर 

मानसी सिंह तोमर (30) बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी रही हैं। 2018 में उन्होंने क्लैट परीक्षा में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने तीन बार सिविल जज (CIVIL JUDGE) परीक्षा दी थी। मानसी को तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। आंसर राइटिंग और कोचिंग में पढ़ाने का अनुभव काम आया। मानसी शादीशुदा हैं। उनका कहना है कि शादी के बाद भी महिलाएं सफल हो सकती हैं। बस हौसला और प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए।

civil judge bharti mp में इन चारों की कहानियों से हर अभ्यर्थी को कुछ सीखना चाहिए। ये बताती हैं कि सफलता चाहे पहले प्रयास में मिले या फिर आठवें प्रयास में, जरूरी यह है कि हम अपना लक्ष्य न छोड़ें। लगातार कोशिश करते रहना ही सफलता की असली चाबी है।

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