नए साल से भोपाल सहित पांच मेडिकल कॉलेजों में होगा कैंसर का इलाज, महंगे इलाज से मिलेगी मुक्ति

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में कैंसर मरीजों के लिए रेडिएशन बंकर तैयार हो गया है। नए साल में राज्य के पांच पुराने मेडिकल कॉलेजों में कैंसर इलाज यूनिट शुरू होगी।

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Sandeep Kumar
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BHOPAL. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए नया साल राहत लेकर आएगा। भोपाल सहित प्रदेश के पांच पुराने मेडिकल कॉलेजों में कैंसर उपचार यूनिट शुरू होगी। इन यूनिट्स की लागत दो अरब रुपए है। यहां कैंसर की पहचान से इलाज तक की पूरी व्यवस्था होगी।

अब मरीजों को महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही महंगे निजी अस्पतालों की दौड़ लगानी होगी। पेट सीटी स्कैन जैसी आधुनिक जांच से कैंसर की सही लोकेशन और फैलाव का सटीक आकलन किया जा सकेगा। लीनियर एक्सेलेरेटर और ब्रेकी थेरेपी जैसी तकनीकों से ट्यूमर पर सटीक रेडिएशन देकर प्रभावी इलाज संभव होगा।

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बंकर निर्माण पूरा

गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में लीनियर एक्सेलेरेटर के लिए बंकर निर्माण पूरा हो गया है। यह बंकर सुरक्षा मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। रेडिएशन को बाहर जाने से रोकने के लिए दीवारें दो मीटर मोटी हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, लीनियर एक्सेलेरेटर के जरिए रेडिएशन थेरेपी के दौरान सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है। जीएमसी में इसे ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर की संरचना तैयार की गई है। यहां ब्रेकी थेरेपी और PET-CT स्कैन यूनिट के लिए जगह तय की गई है।

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कैंसर इलाज महंगा

फिलहाल निजी अस्पतालों में लीनियर एक्सेलेरेटर से कैंसर इलाज महंगा है। यह इलाज 20 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक होता है। कई मरीज आर्थिक तंगी के कारण इलाज बीच में छोड़ देते हैं। नई यूनिट्स शुरू होने के बाद यह इलाज सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कम शुल्क पर होगा। इससे आयुष्मान भारत और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत मरीजों को फायदा होगा।

भोपाल में 4,350 से ज्यादा कैंसर मरीज

आईसीएमआर की कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार, प्रदेश में 1 लाख 54 हजार 567 लोग कैंसर इलाज के लिए जरूरतमंद हैं। भोपाल में 4,350 से ज्यादा कैंसर मरीज हैं। हर महीने राज्य में औसतन 3,500 लोग कैंसर से मरते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक आंकड़े इससे अधिक हो सकते हैं। कई मरीज जांच नहीं करा पाते या खर्च के डर से इलाज टालते हैं।

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स्वास्थ्य विभाग ने कहा तैयारी पूरी

मध्यप्रदेश हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी मयंक अग्रवाल  ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जल्द पांच मेडिकल कॉलेजों में लीनियर एक्सेलेरेटर, PET-CT स्कैन और ब्रेकी थेरेपी यूनिट शुरू होंगी। इसके लिए बंकर समेत सभी तैयारियां चल रही हैं। यह पहल प्रदेश में कैंसर केयर सिस्टम को नई दिशा देगी।

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कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती

लीनियर एक्सेलेरेटर एक हाई-टेक मशीन है, जो कैंसर ट्यूमर पर हाई-एनर्जी रेडिएशन डालती है। यह कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती है, जबकि स्वस्थ ऊतकों को कम नुकसान पहुंचता है। ब्रेन, ब्रेस्ट, लंग और प्रोस्टेट कैंसर में यह प्रभावी है। बाहरी रेडिएशन से इलाज होने से मरीज की रिकवरी बेहतर रहती है।

PET-CT स्कैन को कैंसर की पहचान का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है। यह तकनीक शरीर के अंगों और कोशिकाओं की मेटाबॉलिक गतिविधि दिखाती है। इससे डॉक्टर जान पाते हैं कि कैंसर कहां है और कितना फैल चुका है। इसका उपयोग हृदय रोग और मस्तिष्क बीमारियों के निदान में भी किया जाता है।

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