भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन पर सीएम की अधिकारियों के साथ बैठक, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके लिए प्रस्ताव एमपी की अगली कैबिनेट में आ जाएगाा। वहीं जून में डीपीआर भी तैयार कर लिया जाएगा।

author-image
Rohit Sahu
New Update
metro politan mp bhopal indore
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित करने की योजना पर सरकार तेजी से काम करना चाहती है। इसके लिए एक्ट का प्रस्ताव अगली कैबिनेट में आ जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में अधिकारियों ने इस महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। वहीं डीपीआर जून में और बिल भी अगले मानसून सत्र में आ जाएगा। 

एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी के बाद,मानसून सत्र में बिल

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 का प्रस्ताव 20 मई को होने वाली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद यह बिल जुलाई में संभावित मानसून सत्र में विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।

जून में निकलेगा डीपीआर के लिए टेंडर

इस परियोजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के लिए 2 जून को टेंडर जारी किए जाएंगे। इसके लिए 18 विभिन्न विभागों से जरूरी डेटा मांगा गया है। योजना के तहत इंजीनियरिंग, लागत आकलन और कार्ययोजना पर आधारित विस्तृत डीपीआर तैयार हो जाएगा।

दोनों शहरों के लिए निर्धारित हुआ भौगोलिक क्षेत्र

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन: कुल क्षेत्रफल 9600 वर्ग किमी और इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन: कुल क्षेत्रफल 9336 वर्ग किमी क्षेत्र तय किया गया है। इंदौर के मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में उज्जैन, देवास और धार जैसे शहर भी शामिल होंगे, जबकि भोपाल क्षेत्र में विदिशा, रायसेन, सीहोर और राजगढ़ जैसे जिले जोड़े जाएंगे।

क्यों पड़ी जरूरत

अधिकारियों ने बताया कि इस एक्ट की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का तेजी से फैलाव होता है।  इससे विकास के लिए भूमि उपयोग की जा सकती है। आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों और नगरों में एकीकृत विकास हो पाएगा। पानी, सीवेज, यातायात, पर्यटन जैसे बुनियादी क्षेत्रों में व्यापक सुधार हो सकेगा। इस तरह रोजगार, सेवा और आर्थिक विकास पर होगा सबसे ज्यादा फोकस किया जा सकेगा।

सीएम ने कहा हॉस्पिटेलिटी और रोजगार पर ध्यान दें

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना इस तरह बने कि रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न हों। उन्होंने कहा कि ऐसे इकनॉमिक कॉरिडोर बनें, जो रोजगार व व्यापार की संभावनाओं को बढ़ाएं। हॉस्पिटेलिटी, सेवा क्षेत्र, हॉस्पिटल, होटल आदि पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि योजना में शामिल शहरों की प्राकृतिक सुंदरता, कृषि भूमि और वन क्षेत्रों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। 

यह भी पढ़ें...पुलिस और डॉक्टरों को बड़ी राहत, मोहन सरकार ने छुट्टियों पर लगी रोक हटाई

मेट्रोपॉलिटन कमेटी का नेतृत्व स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे

इस योजना के लिए गठित होने वाली उच्चस्तरीय कमेटी के चेयरमैन स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। नगरीय विकास मंत्री उपाध्यक्ष की भूमिका में होंगे। इसमें सीएस, सेक्रेटरी रैंक के अफसर, मेट्रो एमडी, रेलवे जीएम, निगम कमिश्नर समेत संबंधित निकायों के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।

यह भी पढ़ें...एमपी के शिक्षा विभाग में तबादलों पर बड़ा अपडेट, आवेदन की डेट बढ़ी, 25 मई से शुरू होंगे तबादले

दो मेट्रोपॉलिटन रीजन के साथ,13वां राज्य बनेगा मध्यप्रदेश 

अब तक देश के 12 राज्यों में मेट्रोपॉलिटन रीजन मॉडल लागू है, जैसे मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु। मध्यप्रदेश देश का 13वां राज्य बनेगा जहां इंदौर और भोपाल दो अलग-अलग मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें....इंदौर मेट्रो के कर्मचारी बोले- पाकिस्तान जिंदाबाद, एक रात में पूरा भारत साफ

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

सीएम मोहन यादव | इंदौर मेट्रोपोलिटन सिटी | मेट्रोपोलिटिन सिटी | MP News | Bhopal | Indore 

सीएम मोहन यादव इंदौर मेट्रोपोलिटन सिटी भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन मेट्रोपोलिटिन सिटी कैबिनेट बैठक MP News Bhopal Indore