BHOPAL. गैस त्रासदी पर भोपाल में चल रही सुनवाई पर अमेरिका की डाऊ कैमिकल्स टालमटोल जारी है। भोपाल जेएमएफसी कोर्ट में 19 माह से चल रहे इस मामले में अधिकार क्षेत्र तय नहीं हो सका है। बुधवार 9 जुलाई को जेएमएफसी कोर्ट में 1घंटे 40 मिनट तक सुनवाई चली लेकिन डाव कैमिकल्स की पैरवी कर रहे वकील अधिकार क्षेत्र को लेकर दलीलें देते रहे।
इस दौरान कोर्ट ने 23 अगस्त से सुनवाई करना तय कर दी है। इसमें तीन मामलों पर तर्क और दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ेगी। कोर्ट डॉव केमिकल के अधिकार क्षेत्र, डॉव केमिकल की जिम्मेदारी और 31 जुलाई 2024 को बीजीआईए द्वारा मांगे गए डाव कैमिकल्स द्वारा यूनियन कार्बाइड खरीदने संबंधी बिजनेस इंटीग्रेशन प्लान को लेकर सुनवाई होगी।
यूनियन कार्बाइड भोपाल पर अधिकार हासिल कर चुकी अमेरिकी कंपनी डाव कैमिकल्स पर जेएमएफसी कोर्ट में मामला विचाराधीन है। गैस पीड़ितों के पक्ष में भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन द्वारा कोर्ट में याचिका पेश की गई है। जिस पर 19 माह से सुनवाई जारी है।
बुधवार को जेएमएफसी हेमलता अहिरवार के कोर्ट में हुई सुनवाई में गैस पीड़ितों के पक्ष से एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा एवं रवीन्द्र श्रीवास्तव ने पैरवी की। उन्होंने डाव कैमिकल्स की बार-बार सुनवाई टालने की मंशा और बेबुनियाद तर्क पेश करने पर भी आपत्ति दर्ज कराई।
CJM कोर्ट कर चुका पुष्टि
सीबीआई की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट अवि सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि डाव कैमिकल्स बार-बार कोर्ट के सामने सुनवाई के अधिकार क्षेत्र की दलील दे रहा है। वे अमेरिकी कंपनी होने की वजह से भारतीय अदालत में सुनवाई न होने का दावा कर रहे हैं। उनकी ये दलील सिर्फ समय की बर्बादी है क्योंकि इसको लेकर सीजेएम कोर्ट सुनवाई का अधिकार होने की पुष्टि कर चुका है।
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हर पेशी पर एक दलील
कोर्ट में यह मामला बीते 19 माह से विचाराधीन है। सीजेएम कोर्ट की पुष्टि के बाद जेएमएफसी हेमलता अहिरवार के कोर्ट में सुनवाई तो शुरू हो गई है लेकिन हर पेशी पर डाव कैमिकल्स पक्ष टालमटोल कर कोर्ट का कीमती समय बर्बाद कर रहा है। इससे पहले भी कोर्ट में डाव कैमिकल्स के वकील सुनवाई के अधिकार को लेकर बहस करते रहे हैं। इस वजह से अदालत में अमेरिकी कंपनी पर सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।
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सुनवाई पर सवाल कैसे
गैस पीड़ित संगठन का कहना है 6 समन भेजे जाने और गृह मंत्रालय- सीबीआई से पुष्टि के बाद अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के आदेश पर डाव कैमिकल्स भोपाल कोर्ट में हाजिर हुआ था। गैस त्रासदी से जुड़े मामले में अमेरिकी कंपनी कैसे भारतीय अदालत में सुनवाई के अधिकार पर सवाल उठा सकती है। जब सीजेएम कोर्ट पुष्टि कर चुका है तो जेएमएफसी कोर्ट को सुनवाई आगे बढ़ाना चाहिए। कंपनी केवल समय बर्बाद कर रही है।
भोपाल गैस त्रासदी
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