राजधानी भोपाल के कोलार तहसील कार्यालय के लिए बनाई गई 6 करोड़ की नई बिल्डिंग में हैंडओवर से पहले ही दरारें आ गई हैं, जिससे इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। कांग्रेस नेताओं ने इस निर्माण कार्य में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पीडब्ल्यूडी से तुरंत जांच की मांग की। अब इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो 7 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी।
हैंडओवर से पहले ही बिल्डिंग में दरारें
भोपाल के कोलार तहसील कार्यालय के लिए बनी इमारत अभी तक सरकारी उपयोग के लिए हैंडओवर नहीं हुई थी, लेकिन इसमें पहले से ही दरारें नजर आने लगीं। अब इस मामले में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता शालिगराम बघेल से मिलकर शिकायती ज्ञापन सौंपा और बिल्डिंग की खराब गुणवत्ता पर शिकायत दर्ज कराते हुए गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता राहुल सिंह राठौड़ ने इमारत के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
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कांग्रेस ने ठेकेदार और मॉनिटरिंग टीम पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता राहुल सिंह राठौड़ ने कहा कि इस भवन निर्माण में मॉनिटरिंग टीम की लापरवाही रही, जिससे निर्माण कार्य में गड़बड़ी की गई और ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में 6 महीने की देरी हुई और ठेकेदार ने काम को अनुचित तरीके से पूरा किया। उन्होंने मामले की जांच और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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7 दिनों में रिपोर्ट देगी जांच कमेटी
कांग्रेस की शिकायत के बाद तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई। जिसमें प्रभारी कार्यपालन यंत्री जीएस भूरिया, सहायक यंत्री केएस पंथी, अभियंता विजय गौतम शामिल हैं, इस कमेटी को 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता शालिगराम बघेल ने आश्वासन दिया है कि 7 दिनों में जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यदि ठेकेदार या निर्माण टीम दोषी पाई जाती है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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मामले में पीडब्ल्यूडी ने दी सफाई
मामले में पीडब्ल्यूडी (पीआईयू) के सब इंजीनियर राजीव श्रीवास्तव ने बिल्डिंग की गुणवत्ता को सही ठहराते हुए कहा कि "जो दरारें दिख रही हैं, वे केवल ब्रिक्स वॉल में हैं। ठेकेदार को पहले ही रिपेयरिंग के लिए कहा गया है।" उन्होंने यह भी बताया कि हैंडओवर के बाद भी ठेकेदार पर 3 साल की परफॉर्मेंस गारंटी रहेगी, जिसमें कोई भी निर्माण संबंधी कमी ठेकेदार द्वारा ही ठीक की जाएगी।
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