इंदौर में राजस्व कार्यों में देरी करने वाले अधिकारियों पर कलेक्टर ने सख्त एक्शन लिया है। राजस्व कामों में लेटलतीफी करने वाले तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के खिलाफ इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने अर्थदंड लगाया है। लोक सेवा गारंटी के तहत आए आवेदनों में देरी करने के चलते कलेक्टर ने हर काम में देरी पर 250-250 रुपए की पेनाल्टी लगाई है। टोटल 44 मामलों में पेनाल्टी लगाई गई हैं, यानी कुल 11 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है।
इन अधिकारियों पर लगी पेनाल्टी
आरसीएमएस में दर्ज राजस्व प्रकरणों के समय सीमा में निराकृत नहीं होने पर जिन तहसीलदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें तहसीलदार कनाड़िया, खुड़ेल, बिचौली हप्सी, हातोद, अपर तहसीलदार जूनी इंदौर, नायब तहसीलदार खुड़ेल, देपालपुर, हातोद और गौतमपुरा शामिल है।
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कलेक्टर बोले- जीरो टॉलरेंस रहेगी
कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि इंदौर जिले में नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन के प्रकरण समय सीमा में सहजता के साथ निराकृत किए जाएं। प्रकरणों के निराकरण में जीरो टॉलरेंस रखी जाए। किसी भी आवेदक को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ अमले पर नियंत्रण रखें और उनके कार्यों की सतत् मॉनिटरिंग भी हो।
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भीख लेने और देने पर फिर प्रतिबंध
कलेक्टर ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ चल रहे अभियान की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि इस अभियान को तेज किया जाए और लगातार चलाया जाए। कलेक्टर ने कहा कि भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान को गति देकर निरंतर चलाते रहे। इसके साथ ही उन्होंने ने जिले में भीख लेने और देने पर एक बार फिर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया।
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