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आधुनिक समय में ऑनलाइन शॉपिंग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी-कभी ऑनलाइन शॉपिंग भी सिरदर्द का कारण बन सकती है? हाल ही में एक दिलचस्प मामला सामने आया, जिसमें अमेजन ने एक ग्राहक को गलत सामान भेज दिया। यह मामला तब तूल पकड़ा जब जिला उपभोक्ता फोरम भोपाल ने अमेजन (Amazon ) पर कार्रवाई करते हुए उसे 2 लाख 37 हजार 998 रुपए का हर्जाना चुकाने का आदेश दिया।
सोचिए, अगर आपने कुछ ख़ास और महंगा सामान ऑर्डर किया हो और आपको कुछ और ही मिल जाए, तो कैसा महसूस होगा? यही हुआ था इस ग्राहक के साथ। उन्होंने अमेजन से एक प्रोडक्ट मंगवाया था, लेकिन जो उन्हें मिला, वो कुछ और ही था। इसके बाद उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत की और मामला अदालत तक पहुंचा। जिला उपभोक्ता फोरम ने इस मामले में अमेजन को दोषी ठहराया और उसे भारी हर्जाना भरने का आदेश दिया।
प्रीमियम कैमरे के बदले भेजा गया वजन नापने की मशीन
यह मामला बावड़िया कलां के रहने वाले मनोज नाथ से जुड़ा है, जिन्होंने 30 जनवरी 2024 को निकॉन कंपनी का प्रीमियम कैमरा ऑर्डर किया था। इसके लिए उन्होंने क्रेडिट कार्ड से 2 लाख 22 हजार 998 रुपए का भुगतान किया था। लेकिन जब डिलीवरी बॉक्स खोला गया, तो कैमरे के बजाय उसमें एक वजन नापने की मशीन और एक वाईफाई कैमरा निकला, जिसकी कुल कीमत मात्र 2 हजार रुपए थी।
मनोज नाथ ने डिलीवरी बॉक्स को खोलते वक्त वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसे बाद में फोरम में पेश किया गया। इसके बावजूद, अमेजन ने उनकी शिकायत पर कोई भी कार्रवाई नहीं की। अंततः मनोज नाथ ने भोपाल उपभोक्ता फोरम में शिकायत की।
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Amazon पर लगाया 2 लाख से ज्यादा का
फोरम की बेंच 2 ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए अमेजन और उसके विक्रेता को ग्राहक के साथ सेवा में कमी मानते हुए आदेश दिया कि ग्राहक को 2 लाख 22 हजार 998 रुपए की रकम वापस की जाए। इसके अलावा, मानसिक कष्ट के रूप में 10 हजार रुपए और वाद व्यय के रूप में 5 हजार रुपए हर्जाना भी अमेजन को चुकाने का आदेश दिया गया।
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ई-कॉमर्स कंपनियों को ये समझने की जरूरत
इस मामले ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping ) करते वक्त सही सामान की डिलीवरी कितनी ज़रूरी है। अब ई-कॉमर्स कंपनियों और उनके विक्रेताओं को ये समझना होगा कि जो सामान या सेवाएं वो बेच रहे हैं, उनकी तस्वीरें और जानकारी बिल्कुल सही होनी चाहिए। ताकि ग्राहक को बाद में कोई धोखा न मिले और उन्हें वही चीज़ मिले जो उन्होंने ऑर्डर की थी।
सही सामान की डिलीवरी: ऑनलाइन शॉपिंग में ग्राहकों को सही सामान प्राप्त करना उनका अधिकार है।
सेवा में कमी: सेवा में कमी का मतलब है, जब कोई कंपनी उपभोक्ता की शिकायतों पर उचित कार्रवाई नहीं करती।
ग्राहक अधिकार: उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे ऐसी स्थिति में फोरम का सहारा ले सकें।