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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के जयपुर-पुष्कर मार्ग पर अवैध टोल वसूली के मामले में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग जयपुर द्वितीय ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह मामला तब सामने आया, जब एक उपभोक्ता ने टोल वसूली के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
24 घंटे के भीतर दो बार टोल वसूला गया था, जो उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन था। इसके परिणाम स्वरूप उपभोक्ता आयोग ने टोल वसूली को गलत माना और संबंधित कंपनी पर 42 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
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टोल वसूली की गड़बड़ी, आयोग का आदेश
इस मामले में उपभोक्ता आयोग ने स्पष्ट किया कि टोल शुल्क की वसूली में गड़बड़ी हुई थी। परिवादी को 65 रुपए का टोल शुल्क चुकाना था, लेकिन उसे दो बार टोल वसूला गया। इसके बाद आयोग ने यह निर्णय लिया कि उपभोक्ता को न केवल उस राशि की वापसी की जाएगी, बल्कि मानसिक संताप और वाद व्यय के रूप में 42,000 रुपए का भुगतान भी किया जाएगा। इस राशि का भुगतान एक महीने के भीतर करना होगा अन्यथा 9 फीसदी वार्षिक ब्याज के रूप में अतिरिक्त राशि चुकानी होगी।
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24 घंटे के भीतर दो बार टोल वसूली
इस पूरे मामले का आरंभ 17 फरवरी, 2024 को हुआ, जब परिवादी जयपुर से पुष्कर जाने के लिए यात्रा पर निकले थे। अगले दिन यानी 18 फरवरी को वे वापस जयपुर लौटे। 24 घंटे के भीतर उनकी यात्रा पूरी हो चुकी थी, लेकिन दोनों टोल प्लाजा ठिकरिया और किशनगढ़ ने उनसे पूरी टोल वसूली कर ली। यह वसूली नियमों के खिलाफ थी, जिसके चलते उपभोक्ता ने इस मामले में शिकायत दर्ज की।
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राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम के तहत प्रावधान
राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम-2008 के तहत यह स्पष्ट है कि यदि यात्रा 24 घंटे के भीतर पूरी हो जाती है, तो वापसी यात्रा पर टोल शुल्क डेढ़ गुना (1.5 गुना) ही लिया जा सकता है, न कि दोगुना। इस मामले में दोनों टोल प्लाजा द्वारा किए गए शुल्क वसूली को आयोग ने नियमों के खिलाफ मानते हुए कार्रवाई की।
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यह आदेश अन्य उपभोक्ताओं के लिए अहम
इस फैसले ने यह स्पष्ट किया है कि उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। यह आदेश उन सभी उपभोक्ताओं के लिए एक उदाहरण बनकर आया है, जो टोल वसूली के दौरान उत्पन्न होने वाली अनियमितताओं से प्रभावित होते हैं।