भोपाल के परिवहन विभाग (Transport Department) से जुड़ा एक बड़ा भ्रष्टाचार मामला सामने आया है। पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा (Ex-Constable Saurabh Sharma) और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर (Chetan Singh Gour) व शरद जायसवाल ( Sharad Jaiswal) की पुलिस रिमांड मंगलवार को खत्म हो रही है। इनसे सोमवार को तीन घंटे पूछताछ की गई, लेकिन लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) को फिलहाल कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
6 दिन की रिमांड पर थे सौरभ और सहयोगी
28 जनवरी (28th January) को लोकायुक्त ने सौरभ और चेतन को छह दिन (Six Days) की रिमांड पर लिया था, जबकि 29 जनवरी (29th January) को शरद को पांच दिन (Five Days) की रिमांड मिली थी। तीनों आरोपियों की रिमांड अवधि 4 फरवरी (4th February) को समाप्त हो रही है। मेडिकल जांच के बाद इन्हें कोर्ट (Court) में पेश किया जाएगा।
लोकायुक्त पुलिस जवाब से संतुष्ट नहीं
यह भी हैरान करने वाली बात है कि पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने ऐसे जवाब दिए, जैसे पहले से तैयारी करके आए हों। लोकायुक्त पुलिस उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं है और कोर्ट से रिमांड अवधि बढ़ाने की उम्मीद कर सकती है। सौरभ पर आरोप है कि उसने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है और काले धन को सफेद करने (Money Laundering) के लिए कई फर्जी कंपनियों का सहारा लिया है। लोकायुक्त की छापेमारी (Lokayukta Raid) में करोड़ों रुपए की नकदी, सोना, चांदी और संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं।
ED भी कर रही सौरभ के खिलाफ जांच
सौरभ के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच कर रहा है। ED द्वारा की जा रही जांच में सौरभ के खिलाफ धनशोधन और काले धन के मामलों में गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
अभी जांच पूरी नहीं हुई है
लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) का कहना है कि जांच पूरी नहीं हुई है और आरोपियों से और पूछताछ की आवश्यकता है। रिमांड खत्म होने के बाद लोकायुक्त अदालत से इसकी अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकती है। इस मामले ने भोपाल (Bhopal) में भ्रष्टाचार की गंभीर स्थिति को उजागर किया है।
क्या है पूरा मामला?
इस हाई-प्रोफाइल केस की शुरुआत पिछले महीने उस वक्त हुई थी, जब सौरभ शर्मा के नाम से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी की गई। इस दौरान अधिकारियों ने भारी मात्रा में सोना और नकदी बरामद की। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध तरीके से यह संपत्ति अर्जित की।