भोपाल वेस्टर्न बायपास का नया रूट मंजूर: 35.60 किमी लंबी सड़क, 2026 से भूमि अधिग्रहण शुरू
भोपाल के वेस्टर्न बायपास के नए रूट को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंजूरी दी है। अब 35.60 किमी लंबी, 4-लेन सड़क 2026 से बनने जा रही है। बाघों के लिए एलिवेटेड रोड, 25 प्रभावित गांव, ₹470 करोड़ लागत, और सफर होगा आधा। जानें डीटेल्स और परियोजना की खासियतें।
मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPRDC) बोर्ड के चेयरमैन और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पश्चिम भोपाल बायपास के नए रूट को मंजूरी दे दी है। यह बायपास 4 लेन पेव्ड शोल्डर के साथ बनाया जाएगा और करीब 35.60 किलोमीटर लंबा होगा। 2026 की शुरुआत से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्यों बदला गया रूट?
बता दें कि पहले प्रस्तावित रूट की लंबाई लगभग 41 किमी थी, लेकिन जमीन विवाद और सर्वे रिपोर्ट के बाद इसका अलाइनमेंट बदला गया। करीब 9 महीने के सर्वे के बाद नया मार्ग तय किया गया है। इसमें 6 किमी की कटौती हुई है, जिससे सड़क निर्माण और अधिग्रहण दोनों की लागत घटेगी।
नया रूट भोपाल-जबलपुर मार्ग (NH-46) के ग्राम रतनपुर सड़क से शुरू होगा। यह कोलार–रातीबड़ होते हुए भोपाल-देवास रोड के ग्राम फंदा कलां पर मिलेगा। इस बायपास के बनने से 1.5 घंटे का सफर महज 30 मिनट में पूरा हो सकेगा।
Photograph: (the sootr)
किन क्षेत्रों से होकर गुजरेगा बायपास?
कुल 25 गांवों की जमीन परियोजना से प्रभावित होगी जिनमें रतनपुर सड़क, गुराड़ी घाट, पिपलिया केशो, सेमरी कलां, पिपलिया बेरखेड़ी, थुआखेड़ा, कालापानी, महाबड़िया, बोरदा, भानपुर केकड़िया, समसगढ़, समसपुरा, आंवला, सरवर, झागरिया खुर्द, मूंडला, नरेला, टीलाखेड़ी, जाटखेड़ी, खोकरिया, हताईखेड़ी, दूबड़ी, पिपलिया धाकड़, फंदा खुर्द और फंदा कलां शामिल है। इनमें महाबड़िया और बोरदा गांव वन क्षेत्र में आते हैं।
भोपाल वेस्टर्न बायपास(Bhopal Western Bypass) 5.45 किमी हिस्सा रातापानी टाइगर रिजर्व के बफर जोन से होकर गुजरेगा। वन्यजीवों के रास्ते को सुरक्षित रखने के लिए पहली बार 7 जगह एलिवेटेड, साउंड-प्रूफ रोड (वाया-डक्ट) बनाई जाएगी, जिससे नीचे से बाघ और अन्य वन्यजीव आसानी से गुजर सकेंगे।
फेंसिंग: सड़क के दोनों ओर 10 मीटर ऊँची
कुल लंबाई: 1440 मीटर
अनुमानित लागत: करीब ₹300 करोड़
परियोजना की लागत और मॉडल
Photograph: (the sootr)
निर्माण मॉडल: हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (Hybrid Annuity Model)
निर्माण कंपनी: मेसर्स पीएनपी इंफ्राटेक लिमिटेड
फंडिंग: कंपनी 60% राशि लगाएगी, राज्य सरकार 40% राशि दो साल में किस्तों में देगी।
मेंटेनेंस: 15 साल तक कंपनी करेगी मेंटेनेंस।
टोल: टोल की रकम MPRDC के खाते में जाएगी, कॉन्ट्रैक्टर के पास नहीं।
सड़क की प्रमुख विशेषताएं
लेन: 4 लेन + 9 मीटर पेव्ड शोल्डर दोनों ओर
सर्विस रोड: दोनों ओर 2-2 लेन
संरचना: 4 ग्रेड सेपरेटर, 3 फ्लायओवर, 1 आरओबी
अंडरपास: 4–5 प्रस्तावित, घनी बसाहट वाले क्षेत्रों में
जमीन अधिग्रहण
कुल अधिग्रहण: 557 एकड़
गांव: कोलार तहसील के 7 और हुजूर तहसील के 18 गांव
लागत: ₹470 करोड़
प्रभावित परिवार: लगभग 1034 किसान
भवन: कुल 84 प्रभावित
कितना समय लग सकता है
MPRDC के MD भरत यादव के अनुसार सभी सर्वे पूरे हो चुके हैं। कार्य समय पर शुरू हुआ तो भोपाल-देवास रोड बायपास निर्माण में लगभग 2 साल का समय लगेगा।