CAG की रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा, सिंगाजी पावर प्लांट की कई खामियां आई सामने, जानिए...

कैग की रिपोर्ट में सिंगाजी पावर प्लांट के निर्माण और संचालन में बड़ी खामियां उजागर हुई है। इसमें सरकार को 12 साल में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

Advertisment
author-image
Pratibha Rana
New Update
OO

CAG रिपोर्ट

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ( Comptroller and Auditor General of India )की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगाजी पावर प्लांट ( Singaji Power Plant )में कई गड़बड़ियां सामने आई है। सरकार को 12 साल में 2 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। दरअसल 8 फरवरी को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में  कैग की यह रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में कई खुलासे हुए है। बता दें, यह रिपोर्ट ( cag-report  )मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष को आधार मानकर तैयार की गई है। इसके अलावा कैप ने नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना को लेकर भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें सरकार की कई खामियां सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नर्मदा का पानी क्षिप्रा में छोड़ कर इसे एक बारहमासी नदी में बदलने का प्रयास ( Major irregularities revealed in CAG report ) किया है। 

CM हाउस में हुई विधायक दल की बैठक में लिए अहम फैसले, पार्टी बोली- कांग्रेस के प्रमुख नेता बीजेपी में आना चाहे तो संपर्क करें

सरकार अपने लक्ष्य से पूरी तरह से भटक गई है- रिपोर्ट

मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी ने ठेकेदार को अग्रिम भुगतान में देरी की। इससे मप्र विद्युत नियामक आयोग ने निर्माण अवधि का ब्याज एवं आकस्मिक व्यय की राशि 215 करोड़ रुपए का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। कंपनी ने प्लांट की यूनिट के शुरू होने की तारीख से काफी पहले जल आपूर्ति एग्रीमेंट कर 67 करोड़ का गैरजरूरी भुगतान किया। कंपनी ने प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, समय पर फ्यूल लिंकेज की अनुमति नहीं ली जिससे 120 करोड़ रुपए छोड़ना पड़े।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में इकोनॉमी पर पेश किया 59 पेज का श्वेत पत्र

कैम्पा फंड में अनियमिताएं, 364 करोड़ का नुकसान

कैंपा फंड के अंतर्गत वनीकरण के लिए गलत स्थान का चयन और खरपतवार उन्मूलन पर अनुचित व्यय किया गया है। इससे 364 करोड़ रुपए का सरकार को नुकसान हुआ है। वहीं कैग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सरकार की कई एजेंसियों के हस्तक्षेप के बावजूद क्षिप्रा नदी प्रदूषित बनी हुई है। देवास, इंदौर और उज्जैन शहर का कचरा इस पवित्र नदी को मार रहा है। नदी घाटी में भूजल की अंधाधुंध निकासी से भूजल स्तर बहुत नीचे चला गया है। इसकी वजह से नदी सूख रही है। इसे बचाने के लिए सरकार ने नदी के तटों पर पेड़ लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें सही से काम नहीं किया गया। इसमें भी कई खामियां सामने आई है। वहीं सीवरेज नेटवर्क, सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट, नालों, सड़कों और दूसरे सिविल काम में भी बड़ी अनियमितता की तरफ इशारा किया है।

CAG क्या है ?

CAG का अर्थ है नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक। यह भारत का एक संवैधानिक पद है। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी खातों का अंकेक्षण करने के लिए जिम्मेदार होता है। CAG भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 से 151 के तहत स्थापित किया गया है। 

एमपी हनी ट्रैप की गुलाबी डायरी में इन बड़े अफसरों-नेताओं के नाम, पूछताछ जल्द

CAG भारत सरकार के निम्नलिखित खातों का अंकेक्षण करता है:

  • संघ समेकित निधि
    रेलवे
    डाक और तार
    संघ क्षेत्र
    संघ शासित प्रदेश

CAG राज्य सरकारों के निम्नलिखित खातों का अंकेक्षण भी करता है:

  • राज्य समेकित निधि
    राज्य विधानमंडल
    उच्च न्यायालय
    स्थानीय निकाय

CAG का कार्यालय स्वतंत्र है और यह किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के अधीन नहीं है। CAG अपनी रिपोर्ट सीधे संसद और राज्य विधानसभाओं को प्रस्तुत करता है। CAG की रिपोर्ट सार्वजनिक लेखा समितियों द्वारा जांची जाती है।

CAG की मुख्य भूमिकाएं हैं:

  • यह सुनिश्चित करना कि सरकारी धन का उपयोग उद्देश्य के अनुसार किया जाता है।
    यह सुनिश्चित करना कि सरकारी लेनदेन नियमों और विनियमों के अनुसार किए जाते हैं।
    सरकारी वित्तीय प्रबंधन में अनियमितताओं और घोटालों का पता लगाना।
    संसद और राज्य विधानसभाओं को सरकारी वित्तीय मामलों पर रिपोर्ट करना।

महादेव सट्टा केस: निलंबित आरक्षक भीम सिंह यादव बर्खास्त, आदेश जारी

CAG कैसे काम करता है?

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी खातों का अंकेक्षण करने के लिए जिम्मेदार होता है। CAG का कार्यालय स्वतंत्र है और यह किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के अधीन नहीं है। CAG अपनी रिपोर्ट सीधे संसद और राज्य विधानसभाओं को प्रस्तुत करता है। CAG की रिपोर्ट सार्वजनिक लेखा समितियों द्वारा जांची जाती है।

CAG के काम करने का तरीका निम्नलिखित है:

1. अंकेक्षण योजना: CAG हर साल अंकेक्षण के लिए एक योजना तैयार करता है। इस योजना में अंकेक्षण किए जाने वाले विभागों और संगठनों का चयन शामिल होता है।

2. अंकेक्षण: CAG अपनी योजना के अनुसार विभागों और संगठनों का अंकेक्षण करता है। अंकेक्षण के दौरान, CAG निम्नलिखित बातों की जांच करता है:
क्या सरकारी धन का उपयोग उद्देश्य के अनुसार किया जाता है?
क्या सरकारी लेनदेन नियमों और विनियमों के अनुसार किए जाते हैं?
क्या कोई अनियमितता या घोटाला हुआ है?

3. अंकेक्षण रिपोर्ट: CAG अंकेक्षण के बाद एक रिपोर्ट तैयार करता है। इस रिपोर्ट में अंकेक्षण के दौरान पाए गए निष्कर्षों और सिफारिशों को शामिल किया जाता है।

4. रिपोर्ट की प्रस्तुति: CAG अपनी रिपोर्ट सीधे संसद और राज्य विधानसभाओं को प्रस्तुत करता है।

5. सार्वजनिक लेखा समितियों द्वारा जांच: संसद और राज्य विधानसभाओं में सार्वजनिक लेखा समितियां होती हैं। ये समितियां CAG की रिपोर्ट की जांच करती हैं और सरकार से आवश्यक स्पष्टीकरण और कार्रवाई करती हैं।

CAG का काम भारत की वित्तीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी धन का उपयोग उचित तरीके से किया जाता है और सरकारी लेनदेन पारदर्शी होते हैं।

CAG report CAG Singaji Power Plant Major irregularities revealed in CAG report