MP बोर्ड की परीक्षा में राजधानी भोपाल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल एक सप्ताह पहले अरेरा कॉलोनी स्थित ओल्ड कैंपियन स्कूल में 19 जून को 10वीं व 12वीं का अंग्रेजी का पेपर था। दोनों कक्षाओं की परीक्षा का समय एक ही था। परीक्षा केंद्र के एक कक्ष में 12वीं के 20 विद्यार्थियों को 10वीं अंग्रेजी का पेपर दिया गया। विद्यार्थियों ने इसकी जानकारी भी दी, लेकिन उनका पेपर नहीं बदला गया। छात्रों ने 10वीं का ही पेपर सॉल्व कर दिया।
शिकायत के बाद कोई कार्रवाई नहीं
छात्रों ने जब प्रश्नपत्र की गलती की जानकारी केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षक को दी, तो भी पेपर नहीं बदला गया। 12वीं के छात्रों ने गलत पेपर हल किया और इसे जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के पास शिकायत की। डीईओ ने केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षक पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव लोक शिक्षण संचालनालय को भेजा। हालांकि, अब तक विभाग ने केवल केंद्राध्यक्ष सुषमा हेरण और पर्यवेक्षक दीप्ति दुबे को बदल दिया है।
ये खबर भी पढ़िए...लापरवाही पर हाईकोर्ट सख्त : गोविंदपुरा तहसीलदार दिलीप कुमार चौरसिया की संपत्ति की जांच के दिए आदेश
क्या बोले डीईओ एनके अहिरवार?
भोपाल के डीईओ एनके अहिरवार ने कहा, "ओल्ड कैंपियन स्कूल में 19 जून को 12वीं के विद्यार्थियों को 10वीं का अंग्रेजी पेपर दिया गया। इसके लिए केंद्राध्यक्ष सुषमा हिरवे और पर्यवेक्षक दीप्ति दुबे को बदल दिया गया है। कार्रवाई का प्रस्ताव डीपीआई को भेज दिया गया है।"
ये खबर भी पढ़िए...पटवारी बोला PM के पास जाओ, बिना 20 हजार दिए नहीं होगा नामांतरण
5 जुलाई तक द्वितीय परीक्षा
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा की द्वितीय परीक्षा (पूरक परीक्षा) 17 जून से 5 जुलाई 2025 तक आयोजित की जाएगी। कक्षा 10 की परीक्षाएं 17 जून से 26 जून तक और कक्षा 12 की परीक्षाएं 17 जून से 5 जुलाई तक है।
ये खबर भी पढ़िए...जाति को लेकर टकराव: दांदरपुर में एंट्री से पहले बताओ जाति, यादव हो तो स्वागत नहीं तो वापस जाओ...
ये खबर भी पढ़िए...एमपी में पदोन्नति नियम 2025 का विरोध, मंत्रालय में काली पट्टी बांधकर पहुंचे अफसर-कर्मचारी
4 प्वाइंट्स में समझें पूरा मामला
✅ एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की द्वितीय परीक्षा के दौरान ओल्ड कैंपियन स्कूल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां 12वीं के छात्रों को 10वीं का अंग्रेजी पेपर दे दिया गया।
✅ 19 जून को 10वीं और 12वीं की अंग्रेजी परीक्षा का समय एक ही था। 12वीं कक्षा के 20 छात्रों को 10वीं का पेपर दे दिया गया। छात्रों ने इस गलती को नोट किया, लेकिन उनका पेपर नहीं बदला गया।
✅ छात्रों ने यह समस्या परीक्षा केंद्र के अधिकारियों और पर्यवेक्षक से साझा की, लेकिन फिर भी पेपर नहीं बदला गया। 12वीं के छात्रों ने बाद में जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से शिकायत की।
✅ डीईओ एनके अहिरवार ने इस लापरवाही के लिए केंद्राध्यक्ष सुषमा हेरण और पर्यवेक्षक दीप्ति दुबे को बदलने का निर्णय लिया। उन्होंने इस मुद्दे पर लोक शिक्षण संचालनालय को कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧