संजय गुप्ता @ INDORE. मध्य प्रदेश विधासनभा में नेता प्रतिपक्ष और धार जिले की गंधवानी विधानसभा सीट के विधायक उमंग सिंघार ( Umang Singhar ) के चुनाव को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को शुरु हुई। यह याचिका बीजेपी प्रत्याशी सरदार सिंह मेढ़ा ( Sardar Singh Medha ) ने लगाई है। सुनवाई के बाद इंदौर हाईकोर्ट ( Indore High Court ) ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
अनुचित संसाधानों से जरिए चुनाव जीतने के आरोप
हाईकोर्ट में सुनवाई में अधिवक्ता निमेष पाठक और लक्की जैन ने याचिकाकर्ता मेढा की ओर से पक्ष रखा। इसमें कहा गया कि सिंघार ने चुनाव में कदाचरण किया, शराब बांटी और अनुचित संसाधनों का प्रयोग कर मतदाताओं को प्रलोभन दिया। इसके चलते चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से चुनाव निरस्त होना चाहिए। पाठक ने बताया कि सिंघार के साथ ही धूमसिंह मंडलोई, सुमनबाई अनारे सभी पक्षकारों को नोटिस देकर चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। वहीं प्रशासन की ओर से ईवीएम रिलीज करने का आवेदन था, इस पर हमारी कोई आपत्ति नहीं थी, इसलिए लोकसभा चुनाव के लिए ईवीएम रिलीज होने को मंजूरी हो गई है।
उमंग सिंघार के खिलाफ जब्त शराब भी वजह
बीजेपी प्रत्याशी सरदार सिंह मेढ़ा ने उमंग सिंघार के खिलाफ याचिका लगाई है। सिंघार ने उन्हें 22 हजार 119 वोट से चुनाव हराया है। याचिका में जानकारी छुपाने और चुनाव जीतने के लिए करप्ट प्रैक्टिस करने को आधार बनाया है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रचार वाहन से शराब जब्त हुई थी। गाड़ी की अनुमति प्रत्याशी उमंग सिंघार के नाम पर थी। जिस गाड़ी से शराब जब्त हुई थी उसमें उनका अभिकर्ता भी था। निर्वाचन आयोग के दल ने पकड़कर केस दर्ज करवाया था। सिंघार की जीत को चुनौती देते हुए अन्य कारणों के साथ याचिका में ग्राउंड के तौर पर करप्ट प्रैक्टिस में इसे भी शामिल किया है।
ये खबर भी पढ़िए...वोटर को रिझाने सिंधिया ने किया डांस, अशोकनगर में गाने पर जमकर थिरके
दूसरी पत्नी की शपथपत्र में नहीं दी पूरी जानकारी
उमंग सिंघार की दो पत्नियां है। इसका जिक्र सिंघार ने नामांकन फार्म के साथ दिए शपथ पत्र में भी किया है। पहली पत्नी के बारे में नामांकन फार्म में सभी जानकारी सिंघार ने दी है। जबकि दूसरी पत्नी के बारे में शपथ पत्र में बने कॉलम में सिंघार ने हर जगह पता नहीं है लिखा है। पहली पत्नी को सिंघार ने व्यवसायी बताया है, जबकि दूसरी के बारे में गृहिणी लिखा है।
पहले जबलपुर में लगी थी याचिका
इलेक्शन पीटिशन मुख्यपीठ जबलपुर ( प्रिंसिपल बेंच ) में प्रस्तुत की गई है। पहले जांच इसके बाद पीटिशन अपडेट हुई। इसके बाद जहां-जहां क्षेत्राधिकार (जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर) है वहां कोर्ट के द्वारा उन्हें ट्रांसफर किया गया है। उमंग सिंघार और अरुण भीमावत ट्रांसफर होकर इंदौर हाई कोर्ट आ गई है। यहां मामले में सुनवाई होगी।
शाजापुर विधायक भीमावद की जीत के खिलाफ भी लगी याचिका
वहीं विधानसभा चुनाव में शाजापुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी हुकुम सिंह कराडा बीजेपी उम्मीदवार अरुण भीमावद से 28 वोट से चुनाव हार गए थे। ये प्रदेश में सबसे छोटी हार (कम वोट) है। उन्होंने भी इलेक्शन पीटिशन लगाकर बीजेपी उम्मीदवार की जीत को चुनौती दी है। पीटिशन स्वीकार कर ली गई है।
यह होती है इलेक्शन पीटिशन
चुनाव याचिका निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लगाई जाती है। किसी भी विधायक के निर्वाचन परिणाम को 45 दिन में हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। जिसमें निर्वाचन प्रक्रिया के अंतर्गत हुई किसी भी प्रकार की अनियमित्ता, प्रलोभन-लालच या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया और चुनाव जीता गया है तो उसे चुनौती देने के लिए इलेक्शन पीटिशन लगाई जाती है।
18 जनवरी थी याचिका लगाने की अंतिम तारीख
चुनाव के 45 दिन तक यानि मप्र में 18 जनवरी तक चुनाव याचिका लगाने की अंतिम तारीख थी।
शिकायतें, शराब बांटना, पैसे बांटना, लालच देना, संपत्तियों की जानकारी छुपाना। प्रकरणों की जानकारी छुपाना, ये सब करप्ट प्रैक्टिस और प्रलोभन की श्रेणी में आता है। अंतिम तारीख 18 जनवरी 2024 तक कुल 16 चुनाव याचिका मुख्यपीठ जबलपुर में लगी, जिसमें से 14 विधायकों के खिलाफ है। 8 बीजेपी और 5 कांग्रेस के विधायक शामिल है।
इनके खिलाफ मध्य प्रदेश में लगी है चुनाव याचिकाएं
प्रदेश में प्रदीप लरिया, कंचन तन्वे, सीताशरण शर्मा, आरिफ मसूद, उमंग सिंघार, अजय सिंह राहुल, अभय मिश्रा, राजकुमार कर्राहे, अरुण भीमावद, चंदा सिंह गौर, नागेंद्र सिंह, भगवान दास सबनानी, नीना विक्रम वर्मा, देवेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ जनवरी में इलेक्शन पीटिशन लगाई गई।