ब्लैकबक-सांभर शिकार कांड: मप्र में 60 से अधिक वन्यप्राणियों का हुआ सफाया, हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

इंदौर में 65 किलोग्राम वन्य प्राणी मांस के साथ आरोपी गिरफ्तार हुए। ये आरोपी मुंबई के हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय तस्करी गिरोह का हिस्सा हैं। मप्र में इनके द्वारा 60 जानवरों के शिकार के साक्ष्य मिले हैं।

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Ravi Awasthi
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BHOPAL. वन्य प्राणियों के करीब 65 किलोग्राम मांस के साथ इंदौर से गिरफ्तार किए गए आरोपियों को लेकर STF ने खुलासा किया है। दरअसल पिछले महीने 29 अक्टूबर को इंदौर के किशनगंज से वन्य प्राणियों के मांस के साथ 4 आरोपियों को पकड़ा गया था। ये सभी आरोपी मुंबई के थे। यह ​संगठित गिरोह है जो मांस की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी करता रहा है। मध्यप्रदेश में ही इन्होंने करीब 60 वन्य प्राणी तस्करी की है। एसटीएफ को इसके पुख्ता साक्ष्य मिले हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों की कुंडली खंगाले जाने पर वाइल्ड लाइफ एसटीएफ को कई अहम जानकारियां मिली। वन बल ने गिरोह के पुराना रिकॉर्ड जुटाने में आधुनिक तकनीक का सहारा लिया।

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60 से ज्यादा संरक्षित जानवर मारे 

जब्त मांस किस जानवर का है, इसके लिए एसटीएफ ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली। इनके अलावा सायबर एक्सपर्ट की मदद से आरोपियों के मोबाइल फोन से एन्क्रिप्टेड डेटा डिकोड किया गया। इसमें वीडियो, जीपीएस लोकेशन और चैट रिकॉर्ड्स मिले। इनसे पता चला कि गिरोह ने वर्ष 2022 से 2024 के बीच ही 60 से अधिक संरक्षित वन्य प्राणियों का शिकार किया। इनमें काले हिरण (ब्लैक बक), चिंकारा, सांभर और चीतल का अवैध शिकार किया गया।

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फॉरेंसिक वीडियो से खुला नाइट हंटिंग का राज

डिक्रिप्टेड फाइलों में एक वीडियो ऐसा भी मिला है जिसमें कई दृश्य कैद हैं। इनमें एक ब्लैकबक को गोली मारने और फिर गले पर चाकू चलाकर खून बहाने के फुटेज भी मिले हैं। यह सब टॉर्च की रोशनी में हुआ। वीडियो लोकेशन और मोबाइल डेटा का मिलान कर जांच एजेंसी ने कई सबूत पक्के किए हैं।

दक्षिण अफ्रीका से भी जुड़े आरोपियों के तार

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों में दो ने दक्षिण अफ्रीकी देशों की यात्रा भी की। जहां उन्होंने गेम हंटिंग कार्यक्रम में भाग लिया था। इसमें चुनिंदा ग्राहकों को स्पोर्ट्स गैदरिंग के नाम पर जंगलों में बुलाया जाता था। गैदरिंग के दौरान उन्हें वन्य प्राणियों का मांस परोसा जाता है। 

इससे यह आशंका गहराई है कि भारत में भी वन्य प्राणियों के शिकार मामले में भी वैसा ही मॉडल अपनाया गया। आरोपियों के तार राइफल क्लब से जुड़े हैं। इन्हें अनेक संपन्न ग्राहकों का संरक्षण भी मिलता रहा है। 

मप्र के 9 जिलों में नेटवर्क

सूत्रों के अनुसार, जब्त डेटा से गिरोह के बड़ा नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पूछताछ में सामने आया कि शिकार ज्यादातर नर जीवों का हुआ ताकि उनके सींग ट्रॉफी के रूप में रखे जा सकें। इस मामले में एसटीएफ को उन संदिग्धों की तलाश है जो वन्य प्राणियों की ट्राफी आदि रखने का शौक रखते हैं।  

अब तक की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह, नर्मदापुरम, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, रायसेन, विदिशा, उज्जैन, इंदौर और भोपाल जिलों में सक्रिय था।

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हाईकोर्ट में सुनवाई जल्द, विश्नोई समाज की आपत्ति

प्रकरण में मंगलवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई है। इससे पहले, बिश्नोई समाज ने अदालत में याचिका दायर कर आरोपियों को जमानत नहीं दिए जाने की मांग की है। विश्नोई समाज ब्लैकबक को पूजनीय मानता है। वहीं, एसटीएफ भी अदालत को बताएगी कि मामला केवल शिकार का नहीं, बल्कि एक कारोबारी संगठित अपराध का है। जिसमें धन, हथियार और सीमापार नेटवर्क के प्रमाण मिले हैं।

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आरोपियों ने दायर की जमानत याचिका

एसटीएफ वन्य प्राणी ने गत 29 अक्टूबर को जिन आरोपियों को ​गिरफ्तार किया था। उनमें से एक सलमान पियारजी निवासी ​मुनावर मोमिन वेस्ट मुंबई की ओर से न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर की गई है।

एसटीएफ वाइल्ड लाइफ प्रवक्ता शरद जाटव ने कहा किसलमान समेत चारों आरोपी फिलहाल जेल में हैं। इनमें अन्य तीन आरोपियों में जोहर हुसैन निवासी मित्तल नगर वेस्ट मुंबई, इम्तियाज पुत्र शकील खान ओशिवारा वेस्ट मुंबई व सबाह निवासी मिल्लत नगर, जोगेश्वरी मुंबई शामिल हैं।

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