उमरिया वसूली मामलाः सरकारी योजनाओं की आड़ में ग्रामीणों से वसूली पर प्रशासन की सख्ती

उमरिया में लाड़ली बहना और अन्य योजनाओं के नाम पर वसूली की जांच शुरू की गई है। जिला प्रशासन ने जनपद सीईओ का आदेश रद्द किर दिया है। यह आदेश घरों पर नंबर प्लेट लगाने के लिए दिखाया जा रहा था।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. उमरिया में जबरिया वसूली के मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है। यह वसूली लाड़ली बहना और अन्य सरकारी योजनाओं के नाम पर की जा रही थी। जनपद सीईओ के आदेश को दिखाकर लोगों के घरों पर नंबर प्लेट लगाई जा रही थी। इस आदेश को रद्द कर दिया गया है।

उमरिया जिला पंचायत सीईओ ने जांच के आदेश दिए हैं। मामले में जनपद पंचायत करकेली को नोटिस भी जारी किया गया है। सरकारी योजनाओं की आड़ में वसूली के मामले में प्रशासन की कार्रवाई ने अन्य जनपदों में हलचल मचा दी है।

सरकारी आदेश दिखाकर झांसा

उमरिया के करकेली में पिछले कुछ दिनों से युवकों की टोली ग्रामीणों से 50 रुपए वसूलकर नंबर प्लेट लगा रही थी। इसके लिए उनकी तरफ से जो रसीद दी जा रही थी उस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं था। वहीं ग्रामीणों के सवाल करने पर ये युवक जनपद सीईओ द्वारा जारी किया गया एक आदेश दिखा रहे थे। ऐसा ही आदेश जनपद पंचायत पाली से सरपंच और सचिवों के लिए भी जारी किया गया था। 

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वसूली के लिए योजनाओं का सहारा

द सूत्र ने 6 नवंबर को इस मामले में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर ग्रामीणों से वसूली का मुद्दा उठाया था। जनपद पंचायत सीईओ के आदेश में नए मकानों पर सरकारी योजनाओं के स्लोगन के साथ नंबर प्लेट लगाने का उल्लेख था। नंबर प्लेट लगाने वाले युवक भी ग्रामीणों से रुपए वसूलने के लिए सरकारी योजनाओं का सहारा ले रहे थे।  

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व्यक्तिगत ठेका देने पर भी सवाल 

जनपद सीईओ द्वारा आदेश जारी कर मकानों पर नंबर प्लेट लगाने का काम बिहार के एक व्यक्ति को दिया गया था। नियमों के तहत इस तरह सरकारी काम व्यक्ति विशेष को नहीं दिया जा सकता। गांवों में नंबर प्लेट लगाने के लिए जनपद सीईओ हरनीत कौर के आदेश पर दर्ज मोबाइल नंबर कोई अन्य व्यक्ति उपयोग कर रहा है।

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जनपद सीईओ का आदेश रद्द

उमरिया जिले के आदिवासी गांवों में सरकारी योजनाओं की आड़ में वसूली हो रही थी। जनपद सीईओ के आदेश को रद्द कर दिया गया है। जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। जनपद सीईओ से मकानों पर नंबर प्लेट लगाने को लेकर जवाब तलब किया गया है।

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