इंदौर से टिकट के लिए कांग्रेस पैनल में शामिल दोनों नेता तो गए बीजेपी में, अब जीतू, सत्तू, कोठारी, बागड़ी बचे

मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा, इसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, क्योंकि यहां से कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इससे कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है।

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Sandeep Kumar
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इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी कौन

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संजय गुप्ता, INDORE.  कांग्रेस ( Congress ) से इंदौर (Indore ) की सीट पर सांसद का चुनाव कौन लड़ेगा? शनिवार को पूर्व विधायक संजय शुक्ला (Sanjay Shukla ) और विशाल पटेल दोनों के बीजेपी ( BJP ) में शामिल होने के बाद यह सवाल फिर खड़ा हो गया है। दोनों नेताओं के नाम कांग्रेस की ओर से पैनल में शामिल थे। लेकिन अब कांग्रेस की प्रत्याशी खोजबीन फिर शुरू हो गई है। 

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जीतू पटवारी ही सबसे बडा नाम, शेखावत व सत्तू की ना

अब बड़े नेताओं की बात करें तो बदनावर विधायक भंवर सिंह शेखावत इंदौर सांसद चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को मना कर चुके हैं। पूर्व विधायक और कांग्रेस के एक अन्य करोड़पति नेता सत्यनारायण पटेल भी पहले ही मना कर चुके हैं वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। अभी तो कांग्रेस के लिए यह भी चुनौती है कि वह भी कहीं दामन नहीं छोड़ दें। अब इन दोनों के बाद देखें तो प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ही कांग्रेस के पास इकलौता बड़ा नाम बचता है। यह उनके ऊपर है कि वह पार्टी आलाकमान को अपने नहीं लड़ने के लिए कैसे मना कर पाते हैं, दिल्ली भी उनसे इंदौर से चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है। 

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बाकी नाम कागजी खानापूर्ति मात्र

वहीं पैनल के अन्य नामों की बात करें तो कांग्रेस के पास केवल कागजी खानापूर्ति वाले ही नाम है। इसमें एक दिन के लिए शहर अध्यक्ष बने और बाद में कार्यवाहक अध्यक्ष पद पर आ गए अरविंद बागड़ी का नाम है। जिनका कोई बड़ा जनाधार नहीं है। वहीं एक अन्य नाम स्वप्निल कोठारी का है जो कभी कोई चुनाव नहीं लड़े। विधानसभा चुनाव में मंशा इंदौर पांच से टिकट की थी लेकिन दाव सत्तू पटेल मार गए। इसके बाद उन्होंने भी पार्टी के कामों से दूरी बना ली और बहुत ज्यादा मंशा तो उनकी भी नहीं है चुनाव लड़ने की, लेकिन कमलनाथ कहेंगे तो उतर जाएंगे। 

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बदली हुई परिस्थितियों में कैलाश की भविष्यवाणी सही नहीं हो जाए

अब बदली हुई परिस्थितियों में इस बात की संभावना भी होने लगी है कि नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की शुक्रवार को की गई भविष्यवाणी सही नहीं हो जाए। उन्होंने कहा था कि इंदौर से बीजेपी की ओर से कोई भी लड़े जीत आठ लाख वोट की होगी। बीती जीत 2019 की ही 5.47 लाख वोट की थी। अब शुक्ला और पटेल दोनों ही बीजेपी में चले गए हैं। ऐसे में बड़े जनाधार नेताओं की कांग्रेस में भारी तंगी हो चुकी है। 

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बीते चुनाव की वोटिंग प्रतिशत से भी 6 लाख से बीजेपी की जीत

इंदौर की लोकसभा सीट के लिए मतदाताओं की संख्या करीब 24.80 लाख है। यदि बीते चुनाव की तरह ही 70 फीसदी वोट डले तो 17 लाख से ज्यादा वोट डलेंगे और इसमें पुरानी वोट शेयर की स्थिति में कांग्रेस के खाते में 35 फीसदी के हिसाब से 6 लाख करीब ही वोट आएंगे और बीजेपी के पास 12 लाख वोट जाएंगे। यानि छह लाख से बीजेपी की जीत होगी।

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