Funeral Dispute : पिता के शव के टुकड़े करने पर अड़े बेटे, जानें क्या है मामला

टीकमगढ़ के जतारा गांव में पिता की मौत के बाद दो बेटों में अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया। पांच घंटे बाद पुलिस के हस्तक्षेप से समझौता हुआ जिसके बाद अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।

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Manish Kumar
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Tikamgarh Funeral Dispute
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TIKAMGARH. टीकमगढ़ जिले के जतारा गांव में रविवार सुबह एक विचित्र और चौंकाने वाली घटना सामने आई। गांव के बुजुर्ग ध्यानी सिंह (Dhyani Singh) के निधन के बाद उनके दो बेटों, किशन सिंह घोष (Kishan Singh Ghosh) और दामोदर घोष (Damodar Ghosh), के बीच अंतिम संस्कार को लेकर गंभीर विवाद हो गया।

अंतिम संस्कार जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उपजे विवाद ने रिश्तेदारों और ग्रामीणों को हैरान कर दिया। इस झगड़े के कारण ध्यानी सिंह का शव घर के बाहर सड़क पर पांच घंटे तक पड़ा रहा। गांव में हड़कंप मच गया और घटना चर्चा का विषय बन गई।

शव के दो टुकड़े करने पर अड़ा बेटा 

किशन सिंह, जो कि मृतक का बड़ा बेटा है, पिता के शव को लेकर चौंकाने वाली जिद पर अड़ गया। उसने कहा कि शव को दो हिस्सों में काटकर अलग-अलग अंतिम संस्कार (Funeral) किया जाएगा। किशन का यह तर्क सुनकर अंतिम यात्रा में शामिल रिश्तेदार और ग्रामीण दंग रह गए।

कई रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन किशन अपनी जिद पर अडिग रहा। उसकी इस अजीब मांग से गांव में तनाव का माहौल बन गया। कोई भी इस घटना को सामान्य रूप से स्वीकार नहीं कर पा रहा था।

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पांच घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा शव

इस विवाद के कारण ध्यानी सिंह का शव पांच घंटे तक घर के बाहर सड़क पर पड़ा रहा। अंतिम संस्कार को लेकर उत्पन्न इस विवाद की खबर पूरे गांव में फैल गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने जतारा थाना (Jatara Police Station) को इसकी सूचना दी।

पुलिस अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और दोनों भाइयों से बातचीत शुरू की। हालांकि, शुरुआत में दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे। पुलिस को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कड़ी सख्ती दिखानी पड़ी।

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पुलिस के हस्तक्षेप से हुआ समझौता

जतारा थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों ने किशन सिंह से लंबी बातचीत की। पुलिस ने उसे समझाया कि शव के साथ इस प्रकार का व्यवहार अनुचित और अमानवीय है। आखिरकार पुलिस के प्रयासों के बाद दोनों भाइयों में समझौता हो गया।

समझौते के तहत ध्यानी सिंह का अंतिम संस्कार एक साथ संपन्न किया गया। पुलिस ने अपनी मौजूदगी में अंतिम संस्कार सुनिश्चित किया ताकि कोई और विवाद न हो।

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गांव में चर्चा का विषय बना मामला

पिता के अंतिम संस्कार को लेकर इस तरह का विवाद पहले कभी नहीं देखा गया था। घटना ने पूरे गांव में हलचल मचा दी। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह का मामला उनके क्षेत्र में पहली बार हुआ है।

ध्यानी सिंह के निधन के बाद उनके बेटों के बीच हुए इस विवाद ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि परिवारिक विवादों को किस हद तक जाने दिया जा सकता है।

पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ और समय रहते स्थिति को संभाल लिया गया। हालांकि, यह घटना लंबे समय तक ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बनी रहेगी।

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