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ग्वालियर के बीएसएफ टेकनपुर ट्रेनिंग सेंटर में 11 फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए। ये अभ्यर्थी 12 लाख रुपए देकर दलालों से फर्जी जॉइनिंग लेटर प्राप्त कर आए थे। छत्तीसगढ़ के सॉल्वर परीक्षा में बैठाए गए थे। बायोमैट्रिक जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। पुलिस दलालों के नेटवर्क और रायपुर सेंटर की भूमिका की जांच कर रही है।
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कैसे हुआ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) द्वारा आयोजित परीक्षा के बाद, चयनित अभ्यर्थियों को टेकनपुर बीएसएफ ट्रेनिंग अकादमी में जॉइनिंग के लिए बुलाया गया था। यहां बायोमैट्रिक जांच और दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान, 9 अभ्यर्थियों के फर्जी होने का पता चला। ये उम्मीदवार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विभिन्न शहरों से थे। सभी को बीएसएफ अधिकारियों ने पुलिस के हवाले कर दिया।
कद-काठी देखकर चुने गए थे अभ्यर्थी
दलालों ने ऐसे उम्मीदवारों को चुना जो कद-काठी में आरक्षक पद के लिए उपयुक्त दिखते थे। यह संपर्क सितंबर 2024 में परीक्षा से ठीक पहले हुआ। कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटरों के आसपास घूमते दलालों ने भरोसा दिलाया कि उनकी "सेटिंग" के जरिए नौकरी पक्की हो सकती है। इसके बदले हर अभ्यर्थी से 12 लाख रुपये मांगे गए, जिनमें से 50% राशि एडवांस के रूप में ली गई।
अभ्यर्थियों ने जमीन और ऑटो बेचकर चुकाए पैसे
अभ्यर्थियों को नौकरी का इतना भरोसा दिलाया गया कि उन्होंने अपनी संपत्तियां बेच दीं। अलीगढ़ के संदीप कुमार ने एक बीघा जमीन बेचकर 8 लाख रुपये दिए, जबकि आगरा के दलवीर ने अपना ऑटो बेचकर एडवांस राशि का भुगतान किया। कुल मिलाकर, इन 9 अभ्यर्थियों से दलालों ने 28.25 लाख रुपये की रकम वसूल ली।
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9 अभ्यर्थियों ने जमा किए हैं 28.25 लाख रुपए
दलालों ने इन 9 फर्जी अभ्यर्थियों से अभी तक 28.25 लाख रुपए बतौर एडवांस ले लिया है। सबसे बड़ी रकम एक अभ्यर्थी ने 8 लाख रुपए दी है, यह वही अभ्यर्थी है जिसने अपनी एक बीघा जमीन बेची है। इसके अलावा एक अभ्यर्थी ने 6 लाख रुपए, एक अभ्यर्थी ने चार लाख रुपए दिए हैं। इसके अलावा एक अभ्यर्थी ने 3.5 लाख रुपए, दो अभ्यर्थियों ने दो-दो लाख, एक ने 75 हजार और दो अभ्यर्थी ने सिर्फ 50-50 हजार रुपए बतौर एडवांस दिए हैं। सभी को 12-12 लाख रुपए जॉइनिंग के बाद देने थे।
फर्जी जॉइनिंग लेटर का सच
रायपुर बीएसएफ सेंटर से जो जॉइनिंग लेटर जारी हुए, वे उन अभ्यर्थियों के थे, जिन्होंने परीक्षा और फिजिकल पास किया था, लेकिन किसी कारण से वे अंतिम जॉइनिंग के लिए उपस्थित नहीं हुए। दलालों ने इन अभ्यर्थियों से संपर्क कर उनके लेटर खरीद लिए। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि रायपुर में दलालों और अधिकारियों के बीच किस तरह का गठजोड़ था।
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रायपुर सेंटर पर पुलिस की जांच
ग्वालियर पुलिस की एक टीम रायपुर पहुंच गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वहां से फर्जी जॉइनिंग लेटर कैसे जारी हुए। वे यह भी जांच कर रहे हैं कि जिन अभ्यर्थियों के नाम पर ये लेटर जारी हुए, वे सही कैंडिडेट थे या सॉल्वरों की मदद से फर्जीवाड़ा किया गया। इस मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस फर्जी अभ्यर्थियों, दलालों और संबंधित अधिकारियों के बीच की कड़ियों को खंगाल रही है।
इन नामों से बैठे थे अभ्यर्थी
मूल अभ्यर्थी का नाम |
इन नामों से बैठे सॉल्वर |
पवन गुर्जर, निवासी- फतेहाबाद, आगरा | संदीप कुमार, निवासी रविदास नगर, छत्तीसगढ़ |
संदीप कुमार, अलीगढ़ | संदीप पुत्र सीताराम, निवासी नया थाना, छत्तीसगढ़ |
संदीप सिंह नि. सावलियापुरा, धौलपुर | योगेश कुमार, निवासी राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ |
दलवीर सिंह, निवासी- फतेहाबाद, आगरा | देवेश पाल, निवासी बलोड, छत्तीसगढ़ |
रामदास सिंह, निवासी- मुरैना डोंगरगढ़ | संजीत कुमार, निवासी छत्तीसगढ़ |
अजय राजावत, निवासी- गणेशपुरा, मुरैना | संजीत कुमार, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ |
आकाश सिंह, निवासी- फैजाबाद | उत्तम पटेल, निवासी-डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ |
अनिल कुमार सिंह, अंबाह, मुरैना | अरुण सिंह, निवासी-निवासी- बिलासपुर, छत्तीसगढ़ |
छोटू सिंह गुर्जर, निवासी - धौलपुर | शिवप्रकाश, निवासी-डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ |
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BSF टेकनपुर में पकड़े गए फर्जी अभ्यर्थियों की घटना का टाइमलाइन
21-25 जनवरी 2025
- घटना की शुरुआत: बीएसएफ टेकनपुर ट्रेनिंग अकादमी में चयनित अभ्यर्थियों की दस्तावेज और बायोमैट्रिक जांच शुरू हुई।
- फर्जीवाड़े का खुलासा: 9 अभ्यर्थियों के दस्तावेज और बायोमैट्रिक डेटा में गड़बड़ी पकड़ी गई।
- फर्जी अभ्यर्थी: जांच में सामने आया कि परीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ के सॉल्वर बैठाए गए थे। दस्तावेजों पर नाम और डिटेल्स तो असली अभ्यर्थियों के थे, लेकिन फोटो और बायोमैट्रिक डेटा सॉल्वर का था।
26-30 जनवरी 2025
- बीएसएफ अधिकारियों की कार्रवाई: दस्तावेज सत्यापन में फर्जी अभ्यर्थियों की पहचान करने के बाद टेकनपुर बीएसएफ अकादमी के अधिकारियों ने बिलौआ थाना पुलिस को सूचना दी।
- एफआईआर दर्ज: सहायक प्रशिक्षण केंद्र निरीक्षक ब्रह्मपाल सिंह ने रात 11 बजे पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
31 जनवरी - 6 फरवरी 2025
- पूछताछ और जांच: पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ में फर्जी अभ्यर्थियों से जानकारी ली।
- अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा में पास कराने के लिए सॉल्वर गैंग से संपर्क किया गया था।
- छत्तीसगढ़ के सॉल्वर परीक्षा में बैठे थे। आधी राशि परीक्षा से पहले और बाकी पास होने के बाद देने की डील हुई थी।
सॉल्वर गैंग का पता: सभी सॉल्वर छत्तीसगढ़ से थे। पुलिस को शक है कि यह एक संगठित गिरोह है, जिसने कई उम्मीदवारों के लिए यह फर्जीवाड़ा किया।
7 फरवरी 2025
रिमांड प्रक्रिया: पकड़े गए 9 फर्जी अभ्यर्थियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने रिमांड पर लिया। आगे की जांच में सॉल्वर गैंग और उनके नेटवर्क का पता लगाया जाएगा।
11 फरवरी 2025
- मीडिया रिपोर्ट: घटना को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित हुई। यह खुलासा हुआ कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करके परीक्षा पास की थी।
- आगे की जांच: पुलिस टीम सॉल्वर गैंग और रायपुर में स्थित अन्य संभावित लिंक की पड़ताल में जुट गई है।
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