एमपी बच्चों की एंटीबायोटिक दवा में मिले कीड़े, एजिथ्रोमाइसिन सिरप पर लगाई रोक

ग्वालियर में बच्चों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवा में कीड़े मिले हैं। एक महिला ने इसकी शिकायत की थी। ड्रग विभाग ने सिरप के वितरण पर रोक लगा दी। सैंपल जांच के लिए भोपाल की लैब भेजे गए हैं।

author-image
Ramanand Tiwari
New Update
Antibiotic syrup Azithromycin
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Gwalior. ग्वालियर के एक सरकारी अस्पताल में बच्चों को दी जाने वाली एजिथ्रोमाइसिन सिरप में कीड़े मिलने का मामला सामने आया है। जैसे ही शिकायत आई, ड्रग विभाग ने तुरंत इस सिरप की सप्लाई पर रोक लगा दी। अस्पताल के दवा स्टोर से एजिथ्रोमाइसिन सिरप के सैंपल लिए गए और जांच शुरू कर दी है।

दवा में कीड़ों की महिला ने की शिकायत

मामला ग्वालियर के प्रसूति गृह अस्पताल का है, जो मुरार जिला अस्पताल के अंतर्गत आता है। एक महिला अपने बच्चे का इलाज करवाने अस्पताल पहुंची थी। डॉक्टर ने उसे एजिथ्रोमाइसिन सिरप दिया। जब महिला ने घर जाकर बोतल खोली, तो उसे अंदर काले रंग के कीड़े नजर आए।

सिविल सर्जन को दी जानकारी, जांच शुरू

जैसे ही महिला ने यह देखा, उसने तुरंत इस बात की सूचना सिविल सर्जन डॉ. आरके शर्मा को दी। इसके बाद अस्पताल प्रशासन और ड्रग विभाग तुरंत हरकत में आ गए। 

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: देशभर में सिरप की जांच अब जरूरी, अब तक 25 मौतें

जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजे सैंपल

महिला की शिकायत के बाद अस्पताल के दवा स्टोर से एजिथ्रोमाइसिन सिरप के सैंपल लिए गए और भोपाल स्थित लैब में भेज दिए गए। सिर्फ यही नहीं, बल्कि ड्रग विभाग ने अन्य दवाओं के भी सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है।

पूरे प्रदेश में सप्लाई पर लगी रोक

जांच टीम ने सिरप की मौजूदा बैच को तुरंत रोक दिया है। प्रदेश भर के वितरण केंद्रों से उसे वापस मंगवाना शुरू कर दिया है। इस सिरप की सप्लाई भोपाल के सरकारी स्टोर से की गई थी, इसलिए यह पता लगाया जा रहा है कि यह दवा और किन-किन जिलों में भेजी गई थी।

कफ सिरप के घातक असर के बाद एमपी सरकार ने मांगें दवाओं की जांच के अधिकार

दूसरे जिलों में भी चल रही बैच ट्रैकिंग

अब ड्रग विभाग सिरप के बैच नंबर के आधार पर यह पता लगा रहा है कि कहीं यही दूषित सिरप अन्य जिलों में भी तो नहीं पहुंचा। पूरे मध्यप्रदेश में इसकी डिस्ट्रिब्यूशन चेन की गहन जांच की जा रही है।

अस्पताल प्रशासन की सफाई

मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी मयंक अग्रवाल का कहना है कि सिरप की बोतल संभवतः घर में खुली रह गई हो, इससे उसमें कीड़ा चला गया होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिस बैच की शिकायत मिली है, उसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत : श्रीसन फार्मा कंपनी बंद, लाइसेंस किया रद्द

तीन-स्तरीय जांच के बाद सप्लाई

सिरप की गुणवत्ता को लेकर एमडी मयंक अग्रवाल ने कहा कि एजिथ्रोमाइसिन सिरप जांच प्रक्रिया को तीन स्तर में की जाती है। उसके बाद ही इन दवाओं को अस्पतालों में भेजा जाता है। फिलहाल, उस बैच की सप्लाई रोक दी गई है और अगले आदेश तक सभी वितरण केंद्र सतर्क हैं।

जहरीला कफ सिरप बना काल: छिंदवाड़ा की एक और मासूम बच्ची की मौत, आंकड़ा 26 पहुंचा

लापरवाही ने उठाए बड़े सवाल

एंटीबायोटिक सिरप जैसी महत्वपूर्ण दवा में कीड़े मिलना न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। अब देखने वाली बात ये होगी कि लैब रिपोर्ट क्या कहती है और दोष किस पर तय होता है।

मध्यप्रदेश एजिथ्रोमाइसिन सिरप कफ सिरप ग्वालियर सरकारी अस्पताल एंटीबायोटिक
Advertisment