बुरहानपुर में मौसम की मार, केले की फसल बर्बाद, सीएम ने दिए सर्वे के आदेश

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में तेज आंधी और बारिश के कारण केले की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। नीमगांव, खामनी और रायगांव जैसे गांवों में फसल पूरी तरह नष्ट हो गई, जिससे किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

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Sandeep Kumar
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MP NEWS: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में तेज आंधी और तूफान से केले की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस नुकसान की पूर्ति के लिए सहायता राशि देने की बात कही है। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र में जल्द सर्वे करने का निर्देश दिया है। 

सीएम ने सोशल मीडिया पर कहा कि किसान चिंता न करें, सरकार उनके साथ है। बुरहानपुर जिला केला उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन को प्रभावित गांवों में फसल नुकसान का आकलन करने कहा गया है। सर्वे के बाद किसानों को उचित सहायता राशि दी जाएगी। प्राकृतिक आपदा में सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहती है।

आंधी-तूफान से केले की फसल को नुकसान

बुरहानपुर में 25 मई 2024 को आई आंधी-तूफान और ओलावृष्टि ने किसानों की केले की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया। खकनार क्षेत्र के 16 गांवों में लगभग 350 किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जिससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिया संज्ञान

सीएम मोहन यादव ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को तुरंत सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के साथ राज्य सरकार खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

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जिला प्रशासन ने शुरू किया सर्वे कार्य

जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 80 गांवों में फसल नुकसान का आकलन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सर्वे कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस दौरान, राजस्व विभाग के अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और नुकसान का आकलन किया।

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किसानों की फसल बीमा की मांग

किसानों ने सरकार से केले की फसल को फसल बीमा योजना में शामिल करने की मांग की है। उनका कहना है कि पिछले तीन वर्षों से बुरहानपुर जिले में यह योजना लागू नहीं है, जिससे उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी इस योजना को लागू करने की अपील की है।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने की मुआवजा की मांग

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से प्रभावित किसानों को शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार को तुरंत आरबीसी 6-4 के तहत राहत राशि वितरण करनी चाहिए और राजस्व अमले से फसलों का सर्वे कराना चाहिए, ताकि प्रभावित किसानों को उनकी फसलों का मुआवजा मिल सके।

राजनीतिक दलों की सक्रियता

इस घटना के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किसानों के समर्थन में आवाज उठाई है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अजय रघुवंशी ने आरोप लगाया है कि पिछले तीन वर्षों से बुरहानपुर जिले में केले की फसल का फसल बीमा नहीं हो पाया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि किसानों को ढ़ाई लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाए और उनका कृषि लोन भी माफ किया जाए।

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