आंखों के लिए काल बनी कार्बाइड गन पर प्रशासन सख्त, भोपाल समेत 3 जिलों में बैन

भोपाल समेत मध्यप्रदेश के तीन जिलों में कार्बाइड गन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। बता दें कि दिवाली के दौरान 250 से ज्यादा लोग आंखों की चोट का शिकार हो गए थे।

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Amresh Kushwaha
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BHOPAL. भोपाल समेत मध्य प्रदेश के तीन जिलों में अब कार्बाइड गन की खरीद-फरोख्त और स्टॉक पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। दिवाली के दौरान इस देसी पटाखा गन से करीब 250 लोगों की आंखों को नुकसान हो चुका है।

वहीं, इसके बाद प्रशासन अब एक्शन मोड में आ गया है। भोपाल कलेक्टर विक्रम सिंह के निर्देश के बाद गुरुवार, 23 अक्टूबर की रात ADM प्रकाश नायक ने सख्त आदेश जारी किया। आदेश के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति या व्यापारी इस गन को बेचते या स्टोर करते पाया गया, तो एफआईआर (FIR) दर्ज की जाएगी।

अब किसी को नहीं मिलेगी छूट

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि जिनसे भी गन जब्त हुई है, उन सभी पर FIR दर्ज की जाएगी। यह गन शादियों में अधिक उपयोग होती है, लेकिन अब इसे पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक, कोई भी व्यापारी, संस्था या व्यक्ति इसे बना, खरीद या बेच नहीं सकेगा।

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कलेक्टर ने खुद मरीजों से की बात

भोपाल आईएएस कौशलेंद्र विक्रम सिंह गुरुवार रात हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) पहुंचे। उन्होंने घायल मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की। साथ ही, हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। अब तक 55 कार्बाइड गन जब्त की जा चुकी हैं। इनमें बैरसिया और गोविंदपुरा जैसे प्रमुख पटाखा बाजार शामिल हैं।

जांच का जिम्मा SDM के कंधों पर

हर थोक और रिटेल पटाखा दुकान की जांच अब SDM (Sub-Divisional Magistrate) करेंगे। दिवाली से पहले यह आदेश नहीं आया था, इसी वजह से गन की बिक्री खुलेआम हुई। इसके चलते मासूम बच्चों की आंखें इसकी चपेट में आ गईं। अब सभी जिलों के SDM को पटाखा बाजार में सघन जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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कार्बाइड गन की खबर को एक नजर में समझें...

  • भोपाल सहित मध्य प्रदेश के 3 जिलों में कार्बाइड गन की खरीद-फरोख्त और स्टॉक पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है।

  • दिवाली के दौरान इस देसी गन से 300 से ज्यादा लोगों की आंखें प्रभावित हुईं, जिनमें सबसे अधिक 7 से 14 साल के बच्चे हैं।

  • ADM के आदेश के बाद SDM टीमों को पटाखा बाजारों में सघन जांच के निर्देश मिले हैं; भोपाल में FIR और ग्वालियर में गिरफ्तारी भी हुई।

  • अस्पतालों में अब भी कई मरीजों का इलाज जारी है, कुछ बच्चों की सर्जरी और विशेष उपचार किया जा रहा है।

  • प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अब किसी को छूट नहीं मिलेगी, बेचने या स्टोर करने पर भी FIR दर्ज होगी।

भोपाल में एफआईआर, ग्वालियर में गिरफ्तारी

भोपाल के एहसान नगर निवासी मोहम्मद ताहा पर गुरुवार, 23 अक्टूबर की देर रात FIR दर्ज की गई। वहीं, ग्वालियर (Gwalior) के झाड़ूवाला मोहल्ला में शाहिद अली नाम का युवक कार्बाइड गन बेचते मिला, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

250 से ज्यादा आंखें प्रभावित, बच्चों पर बड़ा असर

अब तक प्रदेश में 300 से ज्यादा मामलों में आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है। सिर्फ भोपाल में 162 लोग, जिनमें ज्यादातर 7 से 14 साल के बच्चे हैं, जो आंखों की तकलीफ झेल रहे हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के नेत्र विभाग में अभी 36 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से 15 की सर्जरी हो चुकी है। दो बच्चों की आंखों में एमनियोटिक मेम्ब्रेनलगाई गई है। यह वही झिल्ली होती है जो प्रसव के समय गर्भ से निकलती है।

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 AIOS की एडवाइजरी, देशभर से मांगी गई जानकारी

ऑल इंडिया आप्थाल्मालॉजिकल सोसायटी (AIOS) ने गुरुवार शाम एडवाइजरी जारी की। उन्होंने देश के सभी नेत्र विशेषज्ञों से कार्बाइड गन से घायल मरीजों की रिपोर्ट मांगी है। सबसे ज्यादा मामले भोपाल से हैं। वहीं, पटना, पुणे और चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं।

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