खाद न मिलने पर किसानों का गुस्सा फूटा, छतरपुर में हाईवे पर लगाया जाम, खजुराहो जा रहे कई मंत्री फंसे

मध्य प्रदेश के छतरपुर में खाद की किल्लत को लेकर किसानों ने 4 स्थानों पर चक्काजाम किया। इसके चलते खजुराहो में मंत्रियों की आवाजाही में भी परेशानी हुई। खाद की कमी और महंगे दामों के कारण किसानो में गुस्सा है।

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Sanjay Dhiman
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FARMARS ISSUE IN CHHATARPUR

Photograph: (the sootr)

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Chhatarpur. मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में किसान लंबे समय से खाद के लिए परेशान हैं। सोमवार को इन किसानों का सब्र जवाब दे गया। गुस्साए किसानों ने जिले के अलग-अलग चार स्थानों पर हाईवे जाम कर दिया।

बमीठा के साथ ही खजुराहो मार्ग पर भी किसानों ने चक्काजाम किया। इस जाम के कारण नेशनल हाईवे 39 पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। किसानों के इस चक्काजाम के कारण खजुराहो में मंत्रीमंडल की बैठक में शामिल होने जा रहे कई मंत्री भी रास्ते में फंस गए।

किसानों ने हरपालपुर में भी हाईवे पर खाद के लिए जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने झांसी-मिर्जापुर नेशनल हाईवे 76 पर थाने के सामने ही प्रदर्शन किया। किसानों के प्रदर्शन के कारण यहां भी लंबा जाम लग गया। 

खजुराहो जा रहे मंत्रियों की आवाजाही पर असर

सोमवार को बमीठा थाना क्षेत्र में यह प्रदर्शन खास तौर पर उग्र हुआ। यहां हजारों किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग NH-39 को पूरी तरह से जाम कर दिया। यह वह मुख्य सड़क है जो खजुराहो की ओर जाती है, जहां मंत्रियों के विभागों की समीक्षा बैठक चल रही थी। किसानों के इस विरोध प्रदर्शन के कारण खजुराहो जा रहे मंत्रियों की आवाजाही भी प्रभावित हुई।  

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खाद की किल्लत और किसानों के चक्काजाम को ऐसे समझें 

  • खाद की किल्लत से नाराज़ किसानों नेशनल हाईवे 39 पर चक्काजाम सहित छतरपुर में चार जगहों पर चक्काजाम किया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
  • किसान पूरी रात भर से खाद के लिए कतारों में लगे थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा; बुवाई के समय उनकी परेशानी बढ़ गई है।
  • किसानों का प्रदर्शन के कारण खजुराहो जा रहे मंत्रियों और अधिकारियों के काफिले की आवाजाही भी प्रभावित हुई।
  • तहसीलदार पर छात्रा को थप्पड़ मारने और अन्य अधिकारियों पर बदसलूकी के आरोपों से किसानों का गुस्सा और भड़क गया है।
  • बाजार में डीएपी और यूरिया जैसी जरूरी खादें तय कीमत से काफी ऊंचे दामों पर ब्लैक में बिकने की शिकायतें सामने आ रही हैं।

हरपालपुर में भी खाद के लिए विरोध

सिर्फ बमीठा ही नहीं, हरपालपुर में भी खाद की कमी से परेशान किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग-76 पर थाने के ठीक सामने जाम लगा दिया।

पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारी किसानों को समझा-बुझाकर रास्ता खुलवाने की कोशिशों में जुटे रहे। किसानों का कहना था कि बुवाई का समय चल रहा है और बिना खाद के उनकी फसलें खराब हो जाएंगी।

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किसान रातभर से लाइन में, फिर भी खाली हाथ

कई गावों के किसान देर रात से ही मंडियों में लाइन लगाकर खड़े थे। अधिकारियों के अनुसार सोमवार सुबह तक 1300 से ज्यादा टोकन बांटे जा चुके थे। टोकन मिलने के बावजूद किसानों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी, जिससे व्यवस्था बिगड़ती गई।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र की सटई रोड स्थित मंडी में भी किसान देर रात से ही लंबी कतारों में खड़े दिखाई दिए। पिछले बुधवार को भी इसी मंडी में हजारों किसानों की भारी भीड़ जमा हुई थी। जिसके चलते सड़क जाम करने जैसी स्थिति बन गई थी।

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अधिकारियों के रवैये से बढ़ा आक्रोश

इस पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों रवैये से किसानों का गुस्सा और भी बढ़ गया। सौरा मंडल की तहसीलदार ऋतु सिंघई द्वारा एक छात्रा को थप्पड़ मारने का एक वीडियो सामने आया। इस वीडियो के कारण किसानों और जनता के बीच विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गया था।

इसके बाद ईसानगर तहसीलदार आकाश नीरज और एसडीएम अखिल राठौर पर भी गंभीर आरोप लगे। उन पर महिलाओं से बदसलूकी और झूमाझटकी करने के आरोप लगाए गए थे। जिसका नतीजा यह हुआ कि किसान सड़क पर उतर आया। 

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प्रशासनिक कार्रवाई और कालाबाजारी की शिकायत

इन घटनाओं पर कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत नोटिस जारी किया था। नोटिस मिलने के बाद तहसीलदार ऋतु सिंघई की तबीयत बिगड़ गई, उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि, अभी तक किसी भी अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की खबर सामने नहीं आई है। 

लवकुशनगर में भी खाद वितरण केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ रही है, जहां किसानों को खाद नहीं मिल रही है। बाजार में महंगी खाद बेचने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। डीएपी 1900 से 2000 रुपए और यूरिया 500 से 600 रुपए प्रति बोरी ब्लैक में बिकने की खबरें हैं। इन खबरों ने किसानों की मुश्किलों को और बढ़ा रही हैं। यह कालाबाजारी किसानों की आर्थिक कमर तोड़ रही है।

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