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मध्य प्रदेश की राजनीति इन दिनों तेज हलचल के दौर से गुजर रही है। मंत्रिमंडल विस्तार, निगम-मंडलों में नियुक्तियों और संगठनात्मक संतुलन को लेकर चर्चाएं लगातार तेज हैं। इसी सियासी माहौल के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दिल्ली यात्रा को महज एक शिष्टाचार भेंट मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा रहा।
भाजपा संगठन में नई जिम्मेदारी, नए समीकरण
भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में संगठनात्मक स्तर पर बड़ा फैसला लिया था। इस फैसले के तहत नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। यह नियुक्ति ऐसे समय हुई है, जब पार्टी राज्यों में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल पर ज़ोर दे रही है।
दिल्ली में हुई मुलाकात बनी चर्चा का केंद्र
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई दिल्ली में भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन से आत्मीय मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। साथ ही, उनके यशस्वी कार्यकाल की कामना की। यह भेंट औपचारिक जरूर थी, लेकिन इसके राजनीतिक संकेत दूरगामी माने जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में क्यों अहम है यह मुलाकात?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मुलाकात संगठन और सरकार के बीच मजबूत समन्वय का संकेत देती है। खासतौर पर ऐसे समय में, जब प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडल की नियुक्तियों को लेकर भीतरखाने चर्चाएं चल रही हैं।
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दिल्ली दरबार से मिल सकते हैं संकेत
मध्य प्रदेश में लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक संतुलन की चर्चा है। कई वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को निगम-मंडल में समायोजित किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की दिल्ली में शीर्ष संगठनात्मक नेतृत्व से मुलाकात को रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है।
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पहले भी दिल्ली से तय होती रही है दिशा
यह पहला मौका नहीं है, जब मध्य प्रदेश की राजनीति दिल्ली से प्रभावित हुई है। पहले भी मंत्रिमंडल गठन और विभागों के बंटवारे से पहले संवाद हुआ था। मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व के बीच बातचीत हमेशा अहम साबित हुई है।
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राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हलचल
मुख्यमंत्री मोहन यादव की मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब पार्टी में मंथन हो रहा है। इस दौरान सवाल उठ रहे हैं कि क्या मंत्रिमंडल विस्तार या निगम-मंडल की घोषणा होगी। आने वाले दिनों में इस पर बड़ा फैसला हो सकता है।
शिष्टाचार से आगे की राजनीति
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और ष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन की मुलाकात औपचारिक थी, लेकिन इसके राजनीतिक मायने साफ हैं। यह मुलाकात संगठनात्मक मजबूती, सरकार-संगठन समन्वय और आने वाले राजनीतिक फैसलों की भूमिका तैयार करती नजर आ रही है। अब मध्य प्रदेश की राजनीति में सबकी नजरें अगले कदम पर हैं।
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