सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतें करने वालेे अब भुगतेंगे सजा, कलेक्टरों को मिले ये निर्देश

मध्य प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे मामलों की तय फॉर्मेट में रिपोर्ट करें। सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने सीएम को लिखी थी चिट्ठी।

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Manish Kumar
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Photograph: (The Sootr)

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BHOPAL.मध्यप्रदेश सरकार ने सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतों के मामलों को गंभीरता से लिया है। सरकार ने अब ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की योजना बनाई है।

मध्यप्रदेश के लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को झूठी शिकायतें करने वालों की जानकारी भेजने का निर्देश जारी किया है। विभाग ने निर्देश में साफ कहा है कि सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतें करने वालों की जानकारी निश्चित फॉर्मेट में भेजी जाए। इस पहल का उद्देश्य प्रशासनिक कामकाजी माहौल को सुधारना और जनहित में नकारात्मक प्रभाव डालने वाली शिकायतों पर रोक लगाना है।

अकसर की जाती हैं झूठी शिकायतें

सीएम हेल्पलाइन की रिव्यू मीटिंग में पता चला है कि कई लोग अक्सर झूठी शिकायतें दर्ज कर अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशान करते हैं। ऐसा करने वाले व्यक्तियों का मकसद केवल दबाव बनाना या ब्लैकमेलिंग करना होता है। इन शिकायतों के कारण सरकारी कर्मचारियों को असमय परेशानियां उठानी पड़ती हैं और अक्सर ये मामले समय और संसाधन की बर्बादी का कारण बनते हैं। सीएम डॉ.मोहन यादव और  मुख्य सचिव अनुराग जैन पहले ही ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे चुके हैं। अब पहली बार सरकार ने आदेश जारी कर कलेक्टरों से जानकारी भेजने के लिए कहा है।

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सरकार ने कलेक्टरों से जानकारी मांगी

मध्य प्रदेश सरकार ने कलेक्टरों को आदेश जारी किया है कि वे इन शिकायतकर्ताओं का नाम, मोबाइल नंबर, अब तक की गई शिकायतों की संख्या और संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणी का विवरण भेजें। इस प्रकार से, प्रशासनिक सिस्टम में इन मामलों पर निगरानी रखना और उचित कार्रवाई करना आसान हो जाएगा। यह जानकारी निर्धारित लॉगिन आईडी के माध्यम से पोर्टल पर दर्ज की जाएगी, जिससे सभी स्तरों पर पारदर्शिता बनी रहे।

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सांसद सुमेर सिंह ने सीएम को लिखी थी चिट्ठी

राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक चिट्ठी लिखी है। इस लेटर को सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर भी किया है। इस चिट्ठी में उन्होंने हेल्पलाइन में आंशिक संशोधन या सुधार की आवश्यकता जताई है। उनका मानना है कि यह बदलाव सुशासन में मदद करेगा और इससे प्रशासन को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। सोलंकी के अनुसार, हेल्पलाइन का दुरुपयोग करके कुछ लोग अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं और इस दुरुपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी है।

कई अधिकारी कर चुके हैं हेल्पलाइन के दुरुपयोग की शिकायत

मध्य प्रदेश में अब तक विभिन्न अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन के दुरुपयोग की कई घटनाएं सामने आई हैं। कुछ लोग इसे अपनी निजी समस्याओं को हल करने के लिए या फिर किसी अन्य व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं। मुख्यमंत्री के आदेश से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह प्लेटफॉर्म केवल वास्तविक मुद्दों के लिए काम करे।

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जानें क्या है एमपी सीएम हेल्पलाइन?

सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत एक प्लेटफॉर्म के रूप में हुई थी, जहां लोग अपनी समस्याओं को सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क कर सकते थे। यह पहल जनता की समस्याओं को सीधे शासन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम बन चुकी थी। हालांकि, इस हेल्पलाइन का दुरुपयोग भी कुछ लोगों द्वारा किया गया है, जिसे अब रोकने के लिए सरकारी आदेश आए हैं।

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FAQ

सीएम हेल्पलाइन का दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है?
सीएम हेल्पलाइन का दुरुपयोग तब होता है जब लोग इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने के बजाय अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशान करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे ब्लैकमेलिंग और दबाव बनाने के उद्देश्य से भी उपयोग करते हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतों के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
मध्य प्रदेश सरकार ने अब सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे झूठी शिकायतें करने वालों की जानकारी एक निर्धारित फॉर्मेट में भेजें, ताकि कार्रवाई की जा सके। यह कदम प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाने और कार्यकुशलता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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