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Photograph: (the sootr)
उज्जैन का महाकुंभ हर 12 वर्ष में एक बार होता है और यह भारत और मध्यप्रदेश में सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। अगले महाकुंभ-2028 की तैयारी को लेकर राज्य सरकार ने अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दी है। कुंभ के सफलतापूवर्क आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। अब सीएम ने बीते कुंभ मेले की व्यवस्थाएं संभाल चुके अधिकारियों को भी आगामी मेले की तैयारियों में लगाने का निर्णय लिया है।
कुंभ मेला आयोजन का अनुभव रखने वाले इन अधिकारियों के साथ सीएम मोहन यादव ने बैठक कर उनके अनुभव जानें व उनसे आयोजन को लेकर महत्वपूर्ण सलाह भी ली। इन सुझावों के माध्यम से सरकार की योजना है कि आगामी सिंहस्थ महाकुंभ को न केवल ऐतिहासिक बनाएं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव भी सुनिश्चित किया जाए।
सीएम यादव को है चार कुंभ का अनुभव
डॉ. यादव, जो उज्जैन के निवासी हैं, पिछले चार सिंहस्थ कुंभ की व्यवस्थाओं से जुड़े रहे हैं। 1980, 1992, 2004 और 2016 में विद्यार्थी परिषद से लेकर विधायक तक के रूप में उन्हें कुंभ की व्यवस्थाओं का अनुभव है। उनका पुराने अफसरों से संपर्क बना हुआ है और उन्होंने ब्यूरोक्रेसी के अनुभवों और सुझावों को ध्यान से सुना।
कुछ पूर्व अधिकारियों ने उन्हें जरूरी सलाह भी दी। इसके अलावा, प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर सीएम ने अधिकारियों को होमवर्क करने के निर्देश दिए हैं।
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सिंहस्थ महाकुंभ के लिए प्रमुख मुद्दे
सिंहस्थ महाकुंभ के आयोजन में कई मुद्दों पर काम किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
1. क्राउड कंट्रोल और सुरक्षा व्यवस्था
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सिंहस्थ महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आते हैं, इसलिए क्राउड कंट्रोल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था के लिए पुराने अधिकारियों से सुझाव लिए गए, जिनमें सुरक्षा बलों की तैनाती और भीड़ प्रबंधन के बेहतर तरीके शामिल हैं।
2. क्षिप्रा नदी की अविरल धारा
सिंहस्थ महाकुंभ का एक प्रमुख आकर्षण क्षिप्रा नदी में स्नान करना होता है। इसके लिए नदी की अविरल धारा को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इसके लिए अधिकारियों ने नदी में जल प्रवाह की निरंतरता बनाए रखने की योजना बनाई है ताकि श्रद्धालुओं को स्नान में कोई असुविधा न हो।
3. मेला क्षेत्र और पार्किंग व्यवस्था
सिंहस्थ मेला क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को एक बड़ा और आरामदायक स्थान मिल सके। पार्किंग व्यवस्था को भी पहले से बेहतर बनाया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को वाहन पार्क करने में कोई परेशानी न हो।
4. सफाई और स्वास्थ्य सुविधाएं
महाकुंभ के दौरान स्वच्छता बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए अधिकारियों ने सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने और उनके लिए उचित शौचालयों का निर्माण सुनिश्चित करने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य सेवाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि हर श्रद्धालु की सेहत पर ध्यान रखा जा सके।
5. बढ़े हुए घाटों पर स्नान व्यवस्था
सिंहस्थ में स्नान के लिए घाटों का विस्तार किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को पर्याप्त जगह मिल सके। साथ ही घाटों पर साफ-सफाई के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
मुख्य सचिव, डीजीपी समेत कई अधिकारी बैठक में रहे शामिल
सीएम डॉ. यादव ने सिंहस्थ-2028 की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक बैठक आयोजित की, जिसमें मुख्य सचिव अनुराग जैन, डीजीपी कैलाश मकवाना और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और आगामी आयोजन को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
महाकुंभ 2028 की तैयारियों को ऐसे समझें शॉर्ट में
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सिंहस्थ महाकुंभ 2028 के लिए आवश्यक सुधार
1. श्रद्धालुओं के लिए सुगम स्नान व्यवस्था
श्रद्धालुओं को स्नान के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित व्यवस्था दी जाएगी। इसे सुनिश्चित करने के लिए घाटों की सफाई, जलप्रवाह का नियंत्रण, और बैरिकेडिंग जैसे उपायों को प्राथमिकता दी जाएगी।
2. पुलिस, स्वास्थ्य और स्टाफ की आवास व्यवस्था
महाकुंभ में पुलिस और अन्य स्टाफ के लिए उचित आवास व्यवस्था की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर कर्मी को आरामदायक रहने की व्यवस्था मिले, ताकि वे बेहतर तरीके से अपनी ड्यूटी निभा सकें।
3. आवागमन और यातायात व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान यातायात की व्यवस्था को भी सुसंगत और सुव्यवस्थित किया जाएगा। इसके लिए पार्किंग, ट्रांसपोर्ट और रोड सेफ्टी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सिंहस्थ की व्यवस्थाओं के लिए टीम तैयार
सीएम मोहन यादव ने सिंहस्थ की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए पुराने अधिकारियों की एक टीम बनाई है। इस टीम से उन्होंने उनके अनुभवों को सुना और लैंड पुलिंग प्लान के बारे में सुझाव मांगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे उज्जैन का दौरा करें और यह बताएं कि और कौन-कौन सी व्यवस्थाएं बेहतर हो सकती हैं। अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए, और इस दौरान सबसे ज्यादा ध्यान अखाड़ों और उनके महामंडलेश्वरों की व्यवस्था को मजबूत करने पर दिया गया। इसके अलावा, सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के स्नान करने और उनके लिए सफाई सेवकों की सुविधाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में यह बात सामने आई कि सफाई कर्मियों की संख्या करीब 10,000 के आसपास होगी, और वे पूरे सिंहस्थ के दौरान वहीं तैनात रहेंगे। पहले शौचालय की कमी के कारण काफी गंदगी फैल गई थी, जो महाकुंभ में भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका था। ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाई कर्मचारियों के ठहरने के स्थान के पास शौचालयों की व्यवस्था भी की जाए।
सिंहस्थ के कामों को लेकर दिल्ली में प्रजेंटेशन आज
सीएम डॉ. मोहन यादव स्थानीय बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद दिल्ली रवाना होंगे। वहां उनका केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह से मिलने का कार्यक्रम तय है। सूत्रों के अनुसार, गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष सिंहस्थ 2028 के बारे में एक महत्वपूर्ण प्रजेंटेशन पेश किया जाएगा।
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