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भोपाल के गोविंदपुरा में लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जो महिलाएं उद्योगों में काम करेंगी, उन्हें हर महीने 5 हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। इससे पहले, लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपए मिलते थे, लेकिन अब उन्हें 5 हजार रुपए मिलेंगे।
क्या बोले सीएम मोहन यादव?
सीएम ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में महिलाओं को 1500 रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। यदि लाड़ली बहना उद्योगों में काम करेगी, तो उसे 1500 या 3000 रुपए नहीं, बल्कि 5000 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इससे वे रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
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रोजगार देने वाले उद्योगों को बढ़ावा
सीएम ने यह भी कहा कि रोजगार देने वाले इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए सरकार कदम उठा रही है। छोटे उद्योगों में काम करने वाली महिलाओं को 5 हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता देने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि यह पूरे प्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा। इस पहल के तहत, 10 से 20 करोड़ रुपए की छोटी इकाइयां स्थापित की जा सकती हैं, जो 100 से लेकर 7 हजार तक लोगों को रोजगार देंगी।
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लाड़ली बहनों को उद्योगों में काम देने का फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहनें यदि उद्योगों में काम करती हैं, तो उन्हें सरकार की तरफ से 5 हजार रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। यदि उद्योगपति उनके लिए 8 हजार रुपए का वेतन तय करते हैं, तो महिला श्रमिक को कुल मिलाकर 12 से 13 हजार रुपए का वेतन मिलेगा, जो उनके जीवन में सुधार लाएगा। इस योजना से महिलाएं वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी और अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार की भलाई के लिए भी यह मददगार साबित होगी।
प्रदेश में हर क्षेत्र पर ध्यान दिया जा रहा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में समृद्धि की परिभाषा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इंदौर और भोपाल के अलावा, छोटे जिलों जैसे नर्मदापुरम और शहडोल में भी उद्योगों का विस्तार किया जाएगा। पिछले साल, उन्होंने हर संभाग में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए, जिनमें देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया गया।
सीएम ने यह भी बताया कि प्रदेश में हर क्षेत्र पर ध्यान दिया जा रहा है। अब तक उद्योगों को 12 से 14 महीने का समय दिया गया है, जिसमें ढाई महीने का समय विशेष रूप से उद्योगों के विकास पर फोकस किया गया है।
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लघु उद्योग और रोजगार के लिए सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत और प्रदेश के विकास के लिए छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर कृषि और उद्योगों के माध्यम से प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके अलावा, राज्य में नए उद्योग लगाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, ताकि रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा सके।
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