एक महिला को शादीशुदा पुरुष के साथ रहने से कोई नहीं रोक सकता : एमपी हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि महिला को अपनी मर्जी से पहले से शादीशुदा पुरुष के साथ रहने का अधिकार है। कोई भी कानून इसे रोकने का अधिकार नहीं रखता।

author-image
Sandeep Kumar
New Update
married-man-mp-high-court
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

हाल ही में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि कोई भी कानून महिला को पहले से शादीशुदा पुरुष के साथ रहने से नहीं रोक सकता है। अदालत के अनुसार, जब महिला बालिग है, तो यह उसका निजी निर्णय है कि वह किसके साथ रहे। इस फैसले ने परिवार, शादी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े कई कानूनी और सामाजिक मुद्दों को जन्म दिया है।

महिला का अधिकार

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब महिला बालिग होती है, तो उसके पास यह अधिकार है कि वह अपनी पसंद के पुरुष के साथ रहे। यह निर्णय महिला की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों का सम्मान करता है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि कोई महिला शादी करती है, तो केवल पहली पत्नी ही दूसरी शादी के लिए मामला दर्ज कर सकती है।

ये भी पढ़ें...चचेरे भाई के साथ लिव इन रिलेशनशिप, मर्डर कर सूटकेस में जलाया युवती का शव, जानें खौफनाक स्टोरी

ये भी पढ़ें...जबलपुर हाईकोर्ट ने छेड़छाड़ को नहीं माना यौन उत्पीड़न, आरोपी की सजा 20 से घटाकर 5 साल की

नैतिकता और कानून 

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नैतिकता से जुड़े मामलों में कोई भी तर्क नहीं दिया जा सकता। अदालत का कहना था कि यह मामला किसी भी प्रकार की अपराधिता से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह एक निजी फैसला है, जिसे महिला ने अपनी स्वतंत्र इच्छा से लिया है।

ये भी पढ़ें...जबलपुर हाईकोर्ट में किस मामले की सुनवाई कौन करेगा, रोस्टर जारी, आज इन मामलों की सुनवाई

अपने फैसले में कोर्ट ने कहा-

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन द्वारा लिखे गए आदेश में हाईकोर्ट ने यह निर्विवाद तथ्य स्वीकार किया कि ‘X’ एक वयस्क है। पीठ ने व्यक्तिगत मामलों में उसकी स्वायत्तता पर जोर दिया। कोर्ट ने कहा कि उसके पास अपना दिमाग है और उसे यह निर्णय लेने का अधिकार है कि वह किसके साथ रहना चाहती है, चाहे उसका निर्णय सही हो या गलत।

याचिकाकर्ता के तर्क पर कि पुरुष विवाहित है तो इस रिश्ते में कोई कानूनी बाधा आएगी? इस पर न्यायालय ने फैसले में कहा कि जहां तक उस व्यक्ति के विवाहित होने का सवाल है, जिसके साथ वह रहना चाहती है, ऐसा कोई कानून नहीं है जो उसे उक्त व्यक्ति के साथ रहने से रोकता हो।

क्या था पूरा मामला? 

जबलपुर हाईकोर्ट के सामने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में आरोप था कि एक महिला एक शादीशुदा पुरुष के साथ रह रही है, जबकि उसे अपने माता-पिता के पास रहना चाहिए था। अदालत ने यह भी पाया कि महिला बालिग है और उसने अपनी मर्जी से यह निर्णय लिया है कि वह इस व्यक्ति के साथ रहेगी, भले ही वह पहले से शादीशुदा हो।

FAQ

क्या महिला को विवाहित पुरुष के साथ रहने का अधिकार है?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि महिला को अपनी मर्जी से पहले से शादीशुदा पुरुष के साथ रहने का अधिकार है। कोई कानून उसे ऐसा करने से रोक नहीं सकता। अगर महिला बालिग है, तो यह उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है।
क्या कोई कानून महिला को विवाहित पुरुष के साथ रहने से रोक सकता है?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह कहा कि कोई भी कानून महिला को पहले से शादीशुदा पुरुष के साथ रहने से नहीं रोक सकता। महिला की स्वतंत्र इच्छा और निर्णय के अधिकार को सम्मानित किया गया है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें 📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर हाईकोर्ट बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका शादीशुदा पुरुष