संकल्प पत्र को गीता-रामायण बताने वाले सीएम भूल गए किसानों को 2700 रुपए समर्थन मूल्य देना

कांग्रेस बजट सत्र के दौरान विधानसभा में सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा संकल्प पत्र को गीता -रामायण बताने पर कांग्रेसी अब चुटकी ले रहे हैं। अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस इस मुद्दे पर हमलावर नजर आ रही है। 

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Sandeep Kumar
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संकल्प पत्र को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर

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संजय शर्मा @ BHOPAL. विधानसभा चुनाव ( Assembly elections ) के समय गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल करने का वादा सरकार भूल गई है। सरकार ने समर्थन मूल्य केवल 125 रुपया ही बढ़ाया है, जिससे किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। बीजेपी के संकल्प पत्र में समर्थन मूल्य 2700 रुपए देने का वादा करने के बाद अब इसे अनदेखा करने पर किसानों में नाराजगी बनी हुई है। विधानसभा में सीएम डॉ. मोहन यादव (  CM Dr. Mohan Yadav ) द्वारा  संकल्प पत्र ( Resolution letter ) को गीता -रामायण ( Geeta-Ramayana ) बताने के बयान पर किसान और कांग्रेस चुटकी ले रही है। कांग्रेस बजट सत्र  के दौरान पहले ही संकल्प पत्र में किए वादों को लेकर हंगामा कर चुकी है। अब लोकसभा चुनाव में को देखते हुए इस मुद्दे पर हमलावर नजर आ रही है। कहीं युवाओं और कर्मचारियों की नाराजगी के बाद अब खरीदी सीजन में किसानों का असंतोष लोकसभा चुनाव में बीजेपी सरकार की मुश्किल बड़ा सकता है। 

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बीजेपी ने संकल्प पत्र में किया था वादा

संकल्प पत्र में कई योजनाओं के साथ ही बीजेपी, प्रदेश के किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं की खरीदी का समर्थन मूल्य 2700 रुपया देने का वादा करके विधान सभा चुनाव में उतरी थी। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में संकल्प पत्र में किए कई वादों का उल्लेख न होने पर विपक्ष ने वादा खिलाफी के आरोप लगाए थे। जिस पर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने जवाब देते हुए बीजेपी के संकल्प पत्र को धर्म ग्रन्थ और गीता रामायण की तरह बताकर हर वादा पूरा करने का भरोसा दिलाया था।  उनके इस आश्वासन के बाद किसान रबी सीजन में गेहूं की उपज के लिए समर्थन मूल्य 2700 रुपया मिलने की आस लगाए बैठे थे, लेकिन पिछले दिनों सरकार द्वारा गेहूं खरीद के लिए समर्थन मूल्य में केवल 125 रुपया ही बढ़ाया है। अब प्रदेश के किसानों को खरीद केंद्र पर गेहूं  बेंचने पर प्रति क्विंटल 2400 रुपया ही मिलेगा। यानी संकल्प पत्र में किया वादा और विधानसभा में सीएम द्वारा दिया गया आश्वासन दोनों ही सरकार ने पूरे नहीं किए हैं। 

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कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

सरकार से समर्थन मूल्य 2700 रुपया मिलने की उम्मीद में बैठे किसान और कांग्रेस इसे इसे वादा खिलाफी बता रही है। किसानों का कहना है जब सरकार के पास नई योजनाओं, उद्योगों को छूट देने के साथ ही निर्माण कार्यों के लिए बेहिसाब बजट है तो किसानों की अनदेखी क्यों। सरकार ने कर्मचारी संगठनों के विरोध के अगले ही दिन उनका महंगाई भत्ता बढ़ा दिया तो क्या किसानों पर इस महंगाई की मार नहीं पड़ रही। खैर किसानों के प्रति दोहरे व्यवहार से प्रदेश के लाखों किसानों  में नाराजगी बढ़ रही है और खरीद शुरू होते ही केंद्रों पर इसका असर दिखाई देने का अंदेशा है। उधर विधानसभा में सरकार को घेरने वाली कांग्रेस वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए लोकसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है।

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